आज से खुलेंगे पंचायतों में जड़े ताले

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले ठोस आश्वासन के बाद 5 फरवरी से पूरे देश में जारी सरपंचों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 27 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बताया जा रहा है कि 27 फरवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सरपंच संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है। वह उनकी मांगों पर सहमति जताते हुए 27 फरवरी को आयोजित बैठक में सकारात्मक निर्णय लिए जाने की बात कहते हुए सरपंच संघ द्वारा जारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समाप्त करने का अनुरोध किया है। जिनसे मिले सकारात्मक जवाब पर ,सरपंच संघ राष्ट्रीय संगठन ने 5 फरवरी से जारी उनकी इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को 27 फरवरी तक के लिए स्थगित किए जाने का ऐलान किया है।
आपको बताएं कि नेशनल मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम को मनरेगा कार्य से हटाने, और पंचायती राज अधिनियम के तहत पूर्व मे सरपंचों को प्राप्त शक्तियों को वापस किए जाने सहित वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरपंच संघ द्वारा 5 फरवरी से पूरे देश की पंचायतों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई थी। जहां 14 दिन सरपंचों ने अपनी-अपनी पंचायतों में ताला लगाकर शासन प्रशासन के कार्यों को प्रभावित किया। जहां 14 दिनों बाद सरपंचों की विभिन्न मांगों पर सुनवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सहमति जताते हुए 27 फरवरी को सरपंच संघ को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। जिनसे मिले ठोस आश्वासन पर राष्ट्रीय सरपंच संघ द्वारा 27 फरवरी तक के लिए इस अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित करने का ऐलान किया गया है। जहां हड़ताल के स्थगित होते ही आज 20 फरवरी सोमवार से देश की तमाम पंचायतों में लटके ताले खोल दिए जाएंगे। वहीं पूर्व की भांति सरपंच ,पंचायतों में कार्य शुरू करेंगे।

इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान जिला सरपंच संघ अध्यक्ष वैभव बिसेन ने बताया कि 27 फरवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 15 राज्यों के सरपंच संगठनों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है । साथ ही उन्होंने 27 फरवरी को बैठक के बाद सरपंचों की मांगों को लेकर सकारात्मक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया है। जिनसे मिले आश्वासन पर राष्ट्रीय स्तर से सरपंचों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 27 फरवरी तक के लिए स्थगित की गई है । यदि 27 फरवरी को आयोजित बैठक में सरपंच हितेषी निर्णय नहीं लिए जाते या फिर वर्षो से लंबित सरपंचों की मांग पूरी नहीं की जाती तो फिर राष्ट्रीय संगठन के आह्वान पर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

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