आयुष्मान घोटाला: होटल में भर्ती 21 मरीजों की फाइलें गायब

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प्रदेश के जबलपुर शहर के एक अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटाले में अब एक और नया मोड आ गया है। यहां होटल वेगा में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को भर्ती कर इलाज करते हुए आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने के प्रकरण में कई मरीजों की फाइलें सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल प्रबंधन द्वारा गायब कर दी गई हैं। अब तक इस मामले में केवल नौ मरीजों की फाइलें ही पुलिस को उपलब्ध कराई गई हैं, शेष 21 मरीजों की फाइलें नदारद हैं।बताया जा रहा है कि इन फाइलों को गायब कराने में अस्पताल संचालक दुहिता पाठक एवं उसके पति डा.अश्विनी कुमार पाठक का हाथ है। जिससे एसआइटी को फर्जीवाड़ा के कम से कम सबूत मिलें और उसका फायदा आरोपितों को प्राप्त हो। इन गायब फाइलों की तलाश में एसआइटी शनिवार को सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल पहुंची। टीम ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल में रही और कर्मचारियों से मरीजों की फाइलों के संबंध में पूछताछ की गई।एसआइटी आयुष्मान योजना के तहत सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा किए गए घोटाले के एक-एक बिन्दु की जानकारी जुटा रही है। मामले में जांच के लिए एसआइटी ने आयुष्मान योजना के समन्वयक भुवन साहू और नोडल अधिकारी डा. धीरज दवंडे को नोटिस जारी किया है। दोनों को एसआइटी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।बताया जा रहा है कि जल्द ही सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में मरीजों को रेफर करने वाले अन्य चिकित्सकों पर भी शिकंजा कसने वाला है। एसआइटी जांच के साथ-साथ उन डाक्टरों का भी पता लगा रही है जो मरीजों को सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल रेफर करते थे। साथ ही इन डाक्टरों ने कुल कितने आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल रेफर किया है और क्यों किया है। इन सभी सवालों के जवाब जानने के जिए रेफर करने वाले डाक्टरों से पूछताछ की जा सकती है।एसआइटी ने इस केस को और मजबूत बनाने के लिए शहर के उन लोगों से भी मदद मांगी है, जिन्होने कभी भी सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में इलाज कराया हो। सीएसपी कोतवाली प्रभात शुक्ला का कहना है कि जिस भी आयुष्मान कार्डधारी मरीज का सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में गलत इलाज किया है या उसे धोखे से ठगा है। वह मरीज या उनके परिजन एसआइटी को या कोतवाली सीएसपी कार्यालय में इसकी जानकारी दे सकते हैं। जानकारी के साथ ही वह सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा मरीजों के नाम से दिए गए दस्तावेज भी एसआइटी को उपलब्ध करा सकते हैं।बताया जा रहा है कि एसआइटी में से एक टीम को जल्द ही भोपाल में आयुष्मान योजना के मुख्यालय भेजा जाएगा। यह टीम आयुष्मान योजना के तहत सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल में अब तक भर्ती किए गए मरीजों और उनको किए गए भुगतान की जानकारी एकत्रित करेगी।

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