नई दिल्ली: बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या से निपटने के लिए भारत-इजरायल बुंदेलखंड जल परियोजना पर काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के झांसी के के विकास खंड बबीना में इजरायल की तकनीक से पेयजल की समस्या को दूर किया जाएगा। इजरायली दल ने कार्ययोजना प्रस्तुत की है।
उत्तर प्रदेश सरकार और इजरायल के जल संसाधन मंत्रालय के बीच ‘प्लान ऑफ को-ऑपरेशन’ पर अगस्त 2020 में समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसी समझौते के तहत यहां पानी की उपलब्धता पर काम किया जा रहा है। प्लान ऑफ को-ऑपरेशन की प्रकिया अंतिम चरण में है। इजरायल के दल को क्षेत्र में मौके पर आकर बैठक करने का सुझाव दिया गया है।
प्रोजेक्ट में ड्रिप इरिगेशन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग को शामिल करते हुए तकनीकी का आदान प्रदान करते हुए कार्य करने की जानकारी दी ताकि बुंदेलखंड के साथ बबीना के गांवों को लाभान्वित किया जा सके। माना जा रहा है कि बुंदेलखंड में पानी के संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए यह परियोजना बहुत कारगर होगी। उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड जिला हर साल गर्मियों में पेयजल की समस्या से जूझता है। उत्तर प्रदेश सरकार और इजरायल के सहयोग से इस इलाके को पानी के संकट से उबारने में मदद मिलेगी।
हर घर नल योजना लागू
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेकडैम तथा तालाबों की कुल 278 परियोजनाओं (112 तालाब एवं 166 चेकडैम) का लोकार्पण एवं भूगर्भ जल पोर्टल upgwdonline.in का शुभारम्भ किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्पों के अनुरूप राज्य में ‘हर घर नल’ योजना लागू की गई है। इसके अन्तर्गत बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र में लगभग 15,500 करोड़ की पेयजल परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा में खारे पानी तथा आर्सेनिक-फ्लोराइड से प्रभावित क्षेत्रों के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग आवश्यक है। वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रभावी प्रयास से भविष्य में इन इलाकों में पानी की समस्या का समाधान किया जा सकेगा। प्रदेश में पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद वर्ष 2017 में प्रदेश के एक चौथाई विकास खण्ड ‘डार्क जोन’ घोषित हो चुके थे। तालाबों के पुनरुद्धार तथा चेकडैमों के निर्माण से प्रदेश में भूगर्भ जल का स्तर बढ़ा है। जल के महत्व और उपयोगिता को देखते हुए शासन व जनपद स्तर के अधिकारी वॉटर हार्वेस्टिंग के कार्यों को शीघ्रता से आगे बढ़ाएं। शुद्ध और साफ जल हमारे कल को बेहतर बनाने में सहायक होगा। प्रदूषित जल अनेक बीमारियों का कारक है। सतही और भूगर्भ दोनों को शुद्ध एवं स्वच्छ रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।’