बालाघाट जिले की सबसे बड़ी योजना और वर्तमान समय में सबसे बड़ी परेशानी सरेखा रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज को केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिल गई है। इसके लिए बकायदा टेंडर प्रक्रिया तक शुरू हो चुकी है।
टेंडर प्रक्रिया शुरू- सांसद
पद्मेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान बालाघाट सिवनी संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉक्टर ढाल सिंह बिसेन ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से सरेखा रेलवे ओवर ब्रिज को अनुमति मिल चुकी है। जिसका टेंडर लगाया जा चुका है। मध्यप्रदेश शासन की ओर से भी अनुमति जल्दी मिलने की उम्मीद है।
राशि हुई स्वीकृत
आंकड़ों के अनुसार रेलवे को महज चार पिलर बनाने हैं जिसके लिए 14 करोड़ रुपये सरेखा रेलवे क्रॉसिंग ओवर ब्रिज स्वीकृत किया गया है। हालांकि रेलवे को केवल पटरी के ऊपर के हिस्से का भाग का काम ही करना है, उसके बाद का काम दोनों और मध्यप्रदेश शासन को कार्य करना है जिसके लिए यह काम ब्रिज कॉरपोरेशन को दिया गया है।
गौरव पथ पर अंडरबायपास
सांसद श्री बिसेन ने बताया कि सरेखा रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण से पूर्व गौरव पथ सडक़ पर अंडर बायपास रोड बनाने का काम किया जाएगा जिससे पुल निर्माण होने तक आवागमन में किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो।
तीन रेलवे फाटक पर जल्द स्वीकृति
सांसद श्री बिसेन ने बताया कि शहर के अन्य तीन रेलवे फाटक बैहर चौकी, गर्रा रेलवे फाटक और बूढ़ी रेलवे फाटक निर्माण कार्य की प्रक्रिया केंद्र शासन स्तर पर चल रही है, उम्मीद ही लगाई जा रही है की मार्च 2023 तक इसके लिए भी केंद्र सरकार की ओर से बजट सहित संपूर्ण अनुमति मिल जाए।
3 वर्ष का लगेगा समय
अनुमान के मुताबिक यदि प्रदेश शासन की ओर से सरेखा रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण की स्वीकृति भी होता है तो उसके निर्माण में लगभग 2 से 3 वर्ष का समय लग जाएगा। इस दौरान गौरव पथ पर बनाया गया अंडर बायपास से ही आवागमन हो सकेगा।
अंडरबायपास में लगेंगे 6 महीने
यदि सब कुछ तय समय के मुताबिक हुआ तो बहुत जल्दी ही गौरव पथ पर रेलवे द्वारा अंडर बायपास बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि अंडर बायपास बनाने में भी रेलवे को अभी लगभग 6 महीने से अधिक का समय लग जाएगा। जिससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि सरेखा रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू होने में कितना समय है और लगेगा।