कंकर मुंजारे ने ली अपने निवास पर पत्रकार वार्ता

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पेसीफिक मिनरल्स की मैग्नीज खदान में रविवार दोपहर एक मजदूर की 110 फीट गहरी खदान में गिरने से मौत हो गई। जिस मामले पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने अपने निजी निवास पर पत्रकार वार्ता ली और कहा कि मजदूर को जो मुआवजा दिया गया है वह मुआवजा बहुत ही कम है और इस मामले में खदान के मुख्यसंचालक पर कार्रवाई होना चाहिए थी और उन पर हत्या की धाराओं के तहत पुलिस द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए थी , किंतु पुलिस द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जबकि इस मामले में मैंगनीज अधिकारी को संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ

आपको बता दे की बीते दिनों रविवार को वनग्राम लौगुर स्थित कटेझीरिया में संचालित पेसीफिक मिनरल्स की मैग्नीज खदान में रविवार दोपहर एक मजदूर की 110 फीट गहरी खदान में गिरने से मौत हो गई। जिस मामले पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने इस मामले को उठाते हुए 17 मई को अपने निजी निवास पर पत्रकार वार्ता ली और उन्होंने बताया कि वह स्वयं अभी कुछ दिन पहले ही जहां मजदूर की मृत्यु हुई थी उस खदान का उन्होंने जायजा लिया और उन्हें उस खदान में बहुत अधिक अनियमिता मिली वहां कंपनी द्वारा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है जबकि उन्हें मजदूरों को 778 रूपये मजदूरी दी जानी चाहिए लेकिन वहां पर मजदूरों को 550 रूपये ही मजदूरी दी जा रही है और वहां किसी प्रकार की कोई मजदूरों के लिए सुविधा नहीं है वहां मजदूरों को कार्य करने के दौरान सेफ्टी बेल्ट तक की सुविधा नहीं दी जाती, जबकि यदि उस दिन मजदूर को सेफ्टी बेल्ट की सुविधा दी जाती तो यह घटना बिल्कुल नहीं घटती और जिस प्रकार से खदानों में नियमों का पालन होना चाहिए उस प्रकार से वहां किसी प्रकार से कोई भी नियम का पालन नहीं हो रहा है और पूरी तरह वहां लापरवाही बरती जा रही है खदान तक जाने के लिए पक्का रास्ता तक नहीं है कच्चे रास्तों से होकर मजदूरों को खदान तक पहुंचना पड़ता है यदि कभी रास्ते में कोई घटना हो गई और जल्दी हॉस्पिटल पहुंचना है तो पहुंच मार्ग इतना खस्ता हाल है कि मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पाएगा और रास्ते में ही विलंब हो जाएगा इन सब को लेकर खनिज अधिकारी के द्वारा वहाँ कार्रवाई की जानी चाहिए थी किंतु खनिज अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई घटना घटने के बाद भी आज तक नहीं की गई है और महज मजदूर के परिजनों को बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है इतने मुआजे में तो मजदूरों के परिजन का कुछ नहीं होगा उन्होंने यह मांग की है कि यदि मजदूरों के परिजन उनके साथ मिलकर आंदोलन करेंगे तो वह उनका साथ देंगे और उनकी लड़ाई आखरी तक लड़ेंगे उन्होंने यह भी कहा कि वह आने वाले विधानसभा सत्र में जिले की खदानों को लेकर विधानसभा में प्रश्न लगवाएंगे कि यहां किस प्रकार से मजदूरों का शोषण किया जा रहा है और किस प्रकार से मजदूरों को पूरी रोजी नहीं दी जा रही है और यदि कोई मजदूर के साथ घटना घट जाती है तो उनके परिजनों को 50 लाख तक का मुआवजा दिया जाना चाहिए

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