बिरसा थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम चैनाटोला में इसी ग्राम के एक व्यक्ति नारायण प्रसाद मरावी 35 वर्ष की अवैध संबंध के चलते हत्या की गई थी। बिरसा पुलिस ने अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए नारायण प्रसाद मरावी की हत्या करने के आरोप में एक महिला और उसके दो बेटों को गिरफ्तार कर लिया ।तीनों गिरफ्तार जिनमें गीता बाई पति रमेश मरकाम 45 वर्ष उसके दो बेटे राजेंद्र कुमार मरकाम 26 वर्ष और राजकुमार मरकाम 24 वर्ष को न्यायिक अभिरक्षा में बैहर जेल भिजवा दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायण प्रसाद मरावी खेती मजदूरी करता था जिसके परिवार में पत्नी , माँ और 3 बच्चे हैं नारायण प्रसाद शराब पीकर घूमते रहता थाऔर मोहल्ले वालों को परेशान करते रहता था। 15 दिन पहले नारायण प्रसाद की पत्नी बच्चों को लेकर मायके गई हुई है ।घर में नारायण प्रसाद अपनी माँ के साथ में रहता था। बताया कि 24 मई की रात्रि में प्रसाद शराब पिये हुये था। रात्रि में घर से गया था किंतु वह वापस नहीं लौटा ।25 मई को सुबह ग्राम केन्डा टोला में नारायण प्रसाद मरावी की लाश उसकी बुआ के घर के पीछे केन्डाटोला रोड किनारे देखी गई ।जिसके गले में चोट के निशान पाए गए। जिसकी गलाघोंट कर हत्या कर फि गई थी। सूचना मिलते ही बिरसा पुलिस थाना से आरआर झारिया अपने स्टाफ के साथ पहुंचे और नारायण प्रसाद की लाश बरामद की। और पंचनामा कार्य पश्चात नरेंद्र प्रसाद की लाश पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया था जिसकी हत्या करने के आरोप में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 302 201 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की गई थी इस दौरान सूचना मिली की नारायण प्रसाद ,गीता बाई मरकाम के घर आते जाते रहता था । गीता बाई के पति की 10 वर्ष पहले मौत हो चुकी थी जिसके बाद गीताबाई का नारायण प्रसाद के साथ अवैध संबंध थे। और नारायण प्रसाद गीताबाई से शादी करना चाहता था किंतु गीताबाई के दोनों लड़के नारायण प्रसाद के घर आना जाने में विरोध कर रहे थे। 24 मई की रात्रि में नारायण प्रसाद अपने घर से गीता मरकाम के घर गया था। तब गीता बाई के लड़के राजेंद्र मरकाम राजकुमार मरकाम ने नारायण प्रसाद के गले में रस्सी बांधकर उसी हत्या कर दी और गीताबाई के साथ उसके दोनों लड़कों ने नारायण प्रसाद की लाश केन्डाटोला रोड किनारे फेंक दिए।। इस हत्याकांड का खुलासा होने के तुरंत बाद ही बिरसा पुलिस ने नारायण प्रसाद की हत्या करने के आरोप में गीता बाई मरकाम और उसके दोनों बेटे राजेंद्र कुमार मरकाम और राजकुमार मरकाम को गिरफ्तार कर लिया और तीनों को बैहर की अदालत में पेश कर दिए जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवा दिया गया है।