कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ी अंडों की डिमांड, ये है वजह, कीमतों में भी हुआ इजाफा

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बर्ड फ्लू शुरू होने की वजह से इस साल जनवरी- फरवरी के दौरान मांग में कमी आने के बाद अब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच एक बार फिर अंडों की मांग बढ़ गई है। मांग बढ़ने की मुख्य वजह महामारी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए अंडों का सेवन बढ़ना है। सरकार के अधिकारियों और उद्योग के विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंडों की मांग बढ़ने के साथ प्रति अंडे का खुदरा मूल्य अलग-अलग इलाकों में छह से सात रुपए हो गया है।

विशेषज्ञों ने कहा कि अंडे प्रोटीन से भरी उन खाद्य सामग्रियों में शामिल हैं जिनकी कोविड-19 मरीजों को सेवन करने की सलाह दी जाती है और यह लोगों के पास प्रोटीन का सबसे सस्ता उपलब्ध स्रोत भी है। पशुपालन, पोल्ट्री और दुग्ध मंत्रालय के संयुक्त सचिव ओ पी चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में अंडों का सेवन बढ़ने का चलन देखा गया है। अंडे में सबसे ज्यादा 11 प्रतिशत प्रोटीन होता है। मंत्रालय के एक और अधिकारी ने कहा कि अंडों के मासिक खपत में वृद्धि का अनुमान लगाना मुश्किल है।

इसके बावजूद उन्होंने बताया कि 2018-19 की तुलना में 2019-20 में भारत में अंडे का प्रति व्यक्ति सालाना सेवन 79 अंडों से बढ़कर 86 हो गया। गुरुग्राम के स्टार्टअप एगोज के सहसंस्थापक अभिषेक नेगी ने कहा कि हमने कोविड महामारी की दूसरी लहर शुरू होने के बाद से पिछले कुछ महीनों में ब्रांडेड और ऐगोज के अंडों की मांग में जोरदार उछाल देखा है।

उन्होंने बताया कि कंपनी का कारोबार पिछले कुछ महीनों में 100 प्रतिशत मासिक वृद्धि दर के साथ बढ़ा है। ब्रांडेड अंडे ज्यादा महंगी दरों पर बिकते हैं और उनकी कीमत प्रति अंडे करीब 10 रुपए या उससे ज्यादा होती है।

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