अतिवृष्टि की चपेट व रोगों से ग्रसित फसल का आखिरकार किसानों को शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद भी किसी प्रकार का मुआवजा नही मिल पाया है। यह हम नही कह रहे वारासिवनी जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाली ग्राम पंचायत थानेगॉव के किसान कह रहे है। किसानों का साफ तौर पर कहना है कि अब नवंबर माह के भी लगभग ९ दिन बीत गये है। ऐसे में अभी तक कोई भी राजस्व का अधिकारी और न तो हमारे हल्के का पटवारी फसल का सर्वे करने आया है। ऐसे में हमने अपनी फसल को काटना प्रारंभ कर कड़पे बनाकर उसकी गहानी करने की तैयारी कर रहे है। ताकि धान केन्द्र में बेचकर अगली फसल के लिये खाद् एवं बीज खरीद सके।
सर्वे के लिये किसानों ने कृषि मंत्री को भी सौंपा था ज्ञापन
गौरतलब है कि हॉल ही लालबर्रा जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाले ग्राम लेंडेझरी में भी किसानों ने इसी बात को लेकर किसान सेना के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा था। यह ज्ञापन कृषि मंत्री कमल पटेल को सौंपा गया था जिसमें बर्बाद फसल का आंकलन कर तुरंत मुआवजा देने व अन्य मांग शामिल थी। वही मुख्यमंत्री ने एक माह पूर्व ही यह ऐलान कर दिया था की किसान की बर्बाद फसल का हम सर्वे कराकर शीघ्र ही उसे उचित मुआवजा देंगे। मगर यथार्थ के धरातल पर यह होता संभव नजर नही आ रहा है।
पटवारी का लंबे समय से कर रहे सर्वे के लिये इंतजार – दिलीप
पद्मेश को जानकारी देते हुये थानेगॉव के कृषक दिलीप ठाकरे ने बताया कि हम लोग दीपावली के पूर्व से हमारे हल्के के पटवारी का इंतजार कर रहे है कि वो आये हमारी धान फसल का सर्वे कर ले। मगर ऐसा नही हुआ। जिसके बाद हमने ग्यारस पर्व की समाप्ति के बाद फसल काटना प्रारंभ कर दिया है ताकि इस फसल को समर्थन मूल्य में बेच सके। कृषक श्री ठाकरे ने बताया कि इस बात अतिवृष्टि होने के कारण खेत में लगी फसल में पानी भर गया था। जिसकी वजह से अनेक रोग लग गये थे। मैने स्वयं ही अपने ३ एकड़ की खेती में करीब ७ हजार रूपये की दवा का छिड़काव किया है। मगर जो उत्पादन होना चाहिये था वो उत्पादन नही हुआ। अब हमारे द्वारा शीघ्र ही गेहूॅ व चना की फसल लगाने की तैयारी की जायेगी। जिसके लिये हमे खाद बीज की आवश्यकता होगी। जिसमें पैसे लगेंगे इस लिये हम गहानी की तैयारी में जुट रहे है।
१-२ दिन के भीतर हो जाये सर्वे तो मिल जायेगी राहत – कृषक इमरत
इसी तरह कृषक इमरत मरकाम ने पद्मेश को जानकारी देते हुये बताया कि में काफी छोटा किसान हूॅ। अपनी थोड़ी सी जमीन के अलावा खेत से ही लगी अन्य कृषकों की जमीन को अधिया कर लेता हूॅ। पानी के कारण पूरी फसल चौपट हो गई है। जो फसल थोड़ी बहुत बची हुई है। उसकी कटाई का कार्य कर रहा हॅू। फसल का किसी प्रकार से कोई सर्वे नही किया गया है और ना ही कोई जॉच में राजस्व का अधिकारी आया है। हम शासन प्रशासन से चाहते है कि जो फसल की नुकसानी हुई है उसका अतिशीघ्र एक दो दिन के अंदर सर्वे कर लिया जाये। वरना हम गहानी करना प्रारंभ कर देंगे।
आज थानेगॉव हल्का नं. पटवारी से लूंगा जानकारी – केसी बोपचे
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केसी बोपचे ने दूरभाष पर बताया कि राज्य शासन के आदेश आ गये है कि पटवारी खेतों में पहुॅचकर फसल प्रयोग करे। आज ९ नवंबर को में इस बाबद जानकारी उस हल्के के पटवारी से लूंगा की उसने थानेगॉव में किसानों की फसल प्रयोग की है की नही। अगर नही की होगी तो में स्वयं मौके पर पहुॅचकर किसानों की फसल प्रयोग करूवाऊंगा।