घोषणाओं में सिमट कर रह गया हॉकी एस्टोटर्फ मैदान

0

समय बदला, हालात बदले और सरकार भी बदल गई लेकिन नगरपालिका के चंद्रशेखर स्टेडियम हॉकी मैदान के हालात अब तक नहीं बदले ।हॉकी खिलाड़ियों को जल्द एस्टोटर्फ मैदान दिए जाने को लेकर नेताओं व अधिकारियों द्वारा कई बार घोषणाएं की गई। कई बार मैदान बनाने को लेकर तारीख पर तारीख दी गई बावजूद इसके भी आज तक मैदान का कार्य अधूरा है।जो वर्तमान समय मे भी कच्छप गती से चल रहा है।वही तमाम नेताओ औऱ अधिकारियों अंतिम तारीख व घोषणा भी महज अखबार की सुर्खियां बनकर कागजों में सिमट कर रह गई और 3 वर्ष बीत जाने पर भी चंद्रशेखर स्टेडियम मैदान में एस्टोटर्फ लगाने का कार्य शुरू नहीं किया गया है। जबकि इस मैदान में एस्टोटर्फ लगाने को लेकर कई बार मैदान की जांच कराई जा चुकी हैै वहीं इसका पूरा स्टीमेट बनाकर राज्य सरकार केेेे पास भेजा गया है। लेकिन अधिकारियों औऱ नेतााओं की उदासीनता के चलते यह हॉकी मैदान अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है। जिस पर जिम्मेदारो का कोई ध्यान नहीं है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ पूर्व
मुख्यमंत्री व खेल मंत्री तक कर चुके हैं घोषणा
नगर के शहीद चंद्रशेखर आजाद स्पोर्टस ग्राउंड को एस्टोटर्फ बनाए जाने की घोषणा राजनेताओं द्वारा कई बार की जा चुकी है। केवल स्थानीय ही नहीं बल्कि स्थानीय राजनेताओं को छोड़कर प्रदेश स्तर के कई नेताओं ने भी शहीद चंद्रशेखर आजाद स्पोर्ट ग्राउंड को एस्टोटर्फ मैदान बनाने की घोषणा कर चुके हैं जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम का भी समावेश है।आपको बताएं कि नगर के शहीद चंद्रशेखर आजाद स्पोर्टस ग्राउंड को एस्टोटर्फ बनाए जाने की घोषणा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। उन्होंने यह घोषणा करीब 2 वर्ष पूर्व जिले के बैहर तहसील मुख्यालय में बैगा ओलम्पिक के आयोजन के दौरान की थी। लेकिन उन्होंने भी मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने शासनकाल में इस मैदान की बदहाली पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा कमलनाथ सरकार के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी इस मैदान को जल्द ही एस्टोटर्फ मैदान के रूप में बदलने की बात कही है लेकिन उस पर भी अब तक कोई अमल नहीं हो पाया है। इसके अलावा स्थानीय नेताओं में पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने इस मैदान को एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने की घोषणा की थी, वही पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनिल धुवारे ने भी इस मैदान में एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाकर उसमें हॉकी के महाकुंभ का आयोजन किए जाने की घोषणा कर चुके हैं ।लेकिन सरकार रहते वे अपनी यह घोषणा पूरी नहीं कर पाए। भाजपा नेताओं के अलावा कांग्रेस के कई नेताओं ने भी इस मैदान को एस्टोटर्फ मैदान बनाए जाने की घोषणा की थी।लेकिन सरकार के रहते उन्होंने भी अपनी घोषणा को अमल में नहीं लाया है। इनके अलावा ना जाने कितनी बार अधिकारियों द्वारा भी इस मैदान को एस्ट्रोटर्फ मैदान बनाने की घोषणा की गई है। लेकिन वह घोषणाएं महज अखबार की सुर्खियां बन कर रह गई हैं। नेताओं की घोषणा और उनकी उदासीनता के चलते नगरपालिका का यह हाकी मैदान आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है और यहां खेलने वाले हॉकी खिलाड़ी आज भी एस्टोटर्फ मैदान की राह देख रहे हैं।

तो कैसे होंगा 2024 गोल्डन जुबली हॉकी महा कुंभ का सपना पूरा
आपको बताए की जिलेवासियों का बरसो पुराना सपना एस्ट्रोटर्फ का कार्य पूरा होने में ठेकेदार व प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते देरी हो रही है। जिला हॉकी संघ व नेहरू स्र्पोटिंग क्लब द्वारा अखिल भारतीय स्वर्ण कप हॉकी टूर्नामेंट का वर्ष 2024 गोल्डन जुबली वर्ष होने से आयोजन भव्य रूप से टर्फ मैदान में कराने की तैयारी थी। लेकिन वर्तमान में टर्फ मैदान के चल रहे निर्माण कार्य की गति को देखते हुये ऐसा लगता है कि गोल्डन जुबली वर्ष में ऑल इण्डिया हॉकी टूर्नामेंट टर्फ में होने की उम्मीद नहीं है।

3 वर्षो से नही हुआ ऑल इण्डिया हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन
ज्ञात हो कि जिले में हॉकी खिलाड़ी स्वर्गीय नारायणसिंह की स्मृति में आयोजित ऑल इण्डिया गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट देश में दूसरे स्थान पर था। इस टूर्नामेंट को देखने जिले सहित अन्य जिलों के हॉकी प्रेमी भी बड़ी संख्या में पहुंचते थे। इस आयोजन को लेकर जिलेवासी बेसब्री से इंतजार करते थे। लेकिन कोरोना व टर्फ मैदान निर्माण कार्य प्रारंभ होने से गत तीन वर्ष से ऑल इण्डिया हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो पा रहा है। जिससे हॉकी के प्रति भी लोगों में रूझान कम होते जा रहा है। जिला हॉकी संघ द्वारा हॉकी के प्रति लोगों में रूचि व उत्साह बनाये रखने को लेकर कुछ माह पूर्व रेंजर कॉलेज मैदान में सेवन ए साइड हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। वहीं हर बार की तरह इस बार भी वर्ष 2024 में टर्फ मैदान में हॉकी का महाकुंभ भव्य रूप से आयोजित किए जाने की बात कही गई थीम लेकिन वर्तमान समय में चल रहे कच्छप गति के कार्य को देखते हुए ऐसा लगता ही नहीं की इस वर्ष मैदान में टर्फ का कार्य पूरा हो पाएगा और लोगों को स्वर्ण कप प्रतियोगिता देखने मिलेगी।

पिछले बार मई माह की दी गई थी अंतिम तारीख
यूं तो इस हॉकी मैदान को संवारने की कई बार घोषणाएं और कई बार अंतिम तारीख जारी की जा चुकी है। लेकिन अब तक ना तो अंतिम तारीख पूरी हो पाई है और ना ही पूर्व में की गई घोषणाओं को अमल में लाया गया है आपको बताएं कि पिछली बार कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा , जिला खेला एवं कल्याण अधिकारी केके चौरसिया, पुलिस हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारी सहित जिला हॉकी संघ के अधिकारियों द्वारा निर्माणाधीन टर्फ मैदान का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ. मिश्रा द्वारा मई माह तक टर्फ पूरी तरह तैयार हो जाने की जानकारी दी गई थी। लेकिन कार्य को देखते हुये निर्धारित तिथि तक कार्य पूर्ण होना संभव नहीं है। बता दें कि ठेकेदार को मैदान तैयार करने की जो पूर्व में भी निर्धारित तिथि दी गई थी उसकी भी समयावधि समाप्त हो गई थी। जिसमें ठेकेदार द्वारा मैदान की डिजाइन व नक्शा में परिवर्तन किये जाने को लेकर विलंब होना बताया गया था। लेकिन वर्तमान समय में भी निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किया जा रहा है। जिससे हॉकी खिलाडिय़ों व खेल प्रेमियों में मायूसी व नाराजगी बनी हुई है। वही कार्य की गति को देख ऐसा बिल्कुल भी नही लगता कि इस माह के अंत तक यह कार्य पूरा हो जाएगा।मतलब साफ है कि इस माह के बाद फिर से टर्फ मैदान को लेकर नई तारीख दी जाएगीं।

ये मुख्य कार्य अब भी अधूरे
बात अगर वर्तमान समय की करें तो वर्तमान समय में ऐसे कई कार्य है जो अभी अधूरे पड़े हैं इसमें अभी टर्फ बिछाने के लिये मैदान का बेस तैयार नहीं हुआ है और पानी निकासी के लिये पाइप लाईन भी नहीं डाली गई है। भवन का कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है। टर्फ मैदान तैयार होने में हो रही काफी देरी के चलते जिले के खेल प्रेमी दर्शकों व हॉकी खिलाडिय़ों में प्रशासन व संबंधित ठेकेदार के प्रति काफी नाराजगी बनी हुई है। इसके अलावा ऐसे अनेक कार्य हैं जो अब भी अधूरे पड़े हैं जिन्हें किए बिना तरफ मैदान की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जहां मैदान में टर्फ लगाना तो दूर की बात पिछले दिनों अज्ञात कारणों से जले टर्फ के बदले दूसरा टर्फ अब तक मैदान में लाया भी नहीं गया है।

गोल्डन जुबली के लिए अगले वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा- वर्मा
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान हॉकी संघ के सचिव सुशील वर्मा ने बताया कि हॉकी ग्राउंड को बनकर एक साल पहले बनकर तैयार हो जाना था। मई माह तक अंतिम समय दिया गया था। बेस का कार्य धीमी गति से चल रहा है फिर पानी निकासी के लिये पाईप लाईन डाली जावेगी। टर्फ जलने के कारण भी नुकसानी हुई है और इसके कारण भी विलंब हो रहा है।तीन साल से प्रतियोगिता गोल्डन जुबली वर्ष था। जो नहीं हो पा रहा है। कार्य काफी धीमा चल रहा है जिस पर पुलिस हाउसिंग बोर्ड का कोई ध्यान नहीं है। वर्तमान में कई कार्य पेंडिंग पड़े हैं बेस कंप्लीट नहीं हुआ है, पाइपलाइन, टर्फ, नाली, पानी निकासी, व बिल्डिंग का कार्य भी पूर्ण रूप से कंप्लीट नहीं हो पाया है ।अभी भी मैदान तैयार नहीं हुआ है हमें नहीं लगता कि इस वर्ष हॉकी का महाकुंभ हो पाएगा। अब ऐसा लग रहा है कि जुलाई अगस्त तक ही टर्फ का काम हो पाएगा। यदि बारिश हो गई तो यह कार्य आगे भी बढ़ सकता है अगर ऐसा ही चला रहा तो इस वर्ष गोल्डन जुबली हॉकी महाकुंभ प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हो पाएगा और गोल्डन जुबली प्रतियोगिता के लिए हमें अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here