चलित न्यायालय की कार्यवाही का विरोध और कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने के मामले में जिप्सी ड्राइवर, जिप्सी वाहन मालिको,और गाइडो के विरुद्ध अपराध दर्ज

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बालाघाट कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुख्य गेट में चलित न्यायालय की कार्रवाई का विरोध कर न्यायालय की कार्यवाही को बाधित करने के मामले में बैहर पुलिस थाने में टूरिस्टो ड्राइवर गाइडों और वाहन मालिको सहित अन्य लोगों के विरुद्ध के अपराध दर्ज कर लिया गया। बैहर थाना क्षेत्र में आने वाले कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुक्की गेट में 7 दिसंबर को सुबह यह घटना उस समय हुई जब बैहर के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी दयाल सिंह सूर्यवंशी द्वारा चलित न्यायालय लगाकर वाहन चेकिंग की जा रही थी। और देखते ही देखते वाहन मालिकों और ड्राइवरो ने न्यायालय की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए घेराव कर दिये और न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी को बंधक बनाकर रख ली थे । मौके पर बैहर पुलिस थाने का ही बल था। किंतु हालात बिगड़ने पर मलाजखंड बिरसा गढ़ी के पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया था। वहीं अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव भी मौके पर पहुंच चुके थे। जिन्हें भी घेर लिया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार 7 दिसंबर को चलित न्यायालय का आयोजन किया गया था। चलित न्यायालय की कार्यवाही के पूर्व इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालाघाट एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी बालाघाट को ज्ञापन देकर सूचित किया गया था। और इस चलित न्यायालय की कार्रवाई के संचालन में आवश्यक सहयोग हेतु थाना प्रभारी बैहर को भी सहयोग में लिया गया था। इस चलित न्यायालय में की कार्यवाही में सहायक उप निरीक्षक कैलाश पटेल अपने पुलिस बल के साथ में थे ।चलित न्यायालय की कार्रवाई सबसे पहले बैहर के निकट अंबेडकर चौक से की गई थी। जहां पर एक वाहन क्रमांक सीजी 19 बी एम 3557 संदिग्ध नजर आने पर पुलिस बल की सहायता से रोका गया। किंतु इस वाहन के चालक द्वारा दस्तावेज और फिटनेस सर्टिफिकेट पेश नहीं करने पर उसके विरुद्ध विधिवत कार्रवाई की गई थी। चलित न्यायालय बैहर से गढ़ी जाने वाले मार्ग से बढ़ते हुए ग्राम मुक्की पहुंची। ग्राम मुक्ति स्थित बैहर से गढ़ी राज्य मार्ग पर फॉरेस्ट नाका कान्हा नेशनल पार्क गेट के पास सुबह 6:00 बजे कुछ वाहन दिखे जिनका विधिवत दस्तावेज को चेक करने के उपरांत उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद मुक्की गेट स्थित वन कार्यालय के सामने मुख्य सड़क में वाहनों की चेकिंग प्रारंभ की गई। मुक्की गेट के पास वाहनों को रोक कर उनके चालकों से दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया था किंतु किसी भी चालक ने दस्तावेज नहीं दिखाये, कुछ चालक ने कहा कि उनके पास शाफ्ट काफी है। किंतु इन चालकों के द्वारा दस्तावेज पेश नहीं किए गए। इसी समय पार्क के अंदर जाने वाले टूरिस्ट वाहनों के चालकों ने चलित न्यायालय की कार्रवाई का विरोध करना प्रारंभ कर दिया। न्यायाधीश दयाल सिंह सूर्यवंशी के द्वारा चालकों को समझाया गया ।किंतु चालकों ने वहा पर उनके साथ उपस्थित सवारियों को भड़काना प्रारंभ कर दिया।इसके बाद कुछ ड्राइवर और सवारियों ने मुक्की के प्रवेश गेट को बंद कर दिए। वह उपस्थित आम जनता को समझने का प्रयास किया गया किंतु टूरिस्ट वाहन के ड्राइवर मालिकों और गाइडों के द्वारा उन्हें भड़काया गया। नाके के पास स्थित फॉरेस्ट कर्मचारी और गेट प्रभारी राजेश कुमार तिवारी ने चरित न्यायालय में कोई सहयोग नहीं किये। इस दौरान बैहर थाने से उप निरीक्षक दीपिका सिंगौर भी मौके पर पहुंच चुकी थी। कुछ समय बाद रेंजर वीरेंद्र जामौर आए जिन्होंने ड्राइवर को समझने का प्रयास किया और उनके कार्यालय में स्थित वाहनों के पेपर लेकर आए किंतु एक वाहन के चालक के पास चालान अनुज्ञप्ति के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं होने पर कार्रवाई की जानी थी ।परंतु वहा उपस्थित टूरिस्ट वाहनों के ड्राइवर और उनके मालिकों द्वारा चलित न्यायालय की कार्रवाई का विरोध करने लगे।। वाहन मालिकों ड्राइवरो, टूरिस्ट द्वारा गालियां देते हुए घेराव कर दिए ।वहां उपस्थित पुलिस बल और पुलिस अधिकारियों के साथ भी ड्राइवरो, वाहन मालिकों और टूरिस्टो के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया। वाहन चालक और वाहन मालिकों द्वारा चलित वाहन की कार्रवाई का विरोध और घेराव करने की सूचना मिलती ही जिला एवं अपर सत्रयाधीश भू भास्कर यादव ने पहुंचकर उनके द्वारा उपस्थित लोगों को समझाने का प्रयास किया गया की न्यायिक कार्यवाही में बाधा ना डाली जाए किंतु वहां पर उपस्थित कुछ टूरिस्ट स्थानीय ड्राइवर और वाहन मालिकों ने जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री यादव का विरोध करते हुए उनके वाहन को घर लिए एक व्यक्ति उनके वाहन पर लेट गया तथा अन्य व्यक्तियों ने वाहन के सामने खड़े होकर उन्हें जाने से रोक लिए और गालियां देने लगे जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री यादव के द्वारा उन्हें समझाने का प्रयास किया किंतु नहीं माने पुलिस बल की सहायता से रास्ता साफ करवा कर उन्हें बाहर निकाला गया। इसके बाद न्यायालय की कार्रवाई बाधित होने पर न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी अपने वाहन में बैठकर अपने निवास आने लगे किंतु उपस्थित ड्राइवर वाहन मालिकों गाड़ियों और टूरिस्ट के द्वारा उनका विरोध करते हुए उन्हें गालियां देना प्रारंभ कर दिए कुछ लोगों ने न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी के वाहन पर हाथ बुक्के से प्रहार करते हुए न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी को डराने धमकाने का प्रयास किया है और उन्हें बंधक बना लिया गया था ।स्थिति को देखते हुए मलाजखंड बैहर बिरसा के पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी को बंधक से मुक्त करवाए। इस प्रकार चलित न्यायालय की कार्यवाही में टूरिस्ट ड्राइवर गाइडों व वाहन मालिकों को सहित करीब 100 व्यक्तियों ने अवैध रूप से संगठित होकर न्यायाधीश श्री सूर्यवंशी के लोग कर्तव्य में बाधा उत्पन्न कर हमला करके चलित न्यायालय की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न की और अवैध रूप से संगठित होकर बलवा एवं हिंसा करने का अपराध किया गया। न्यायाधीश श्री दयाल सिंह सूर्यवंशी के द्वारा इस मामले की लिखित एक शिकायत बैहर पुलिस थाने में पेश कराई गई थी।बैहर पुलिस ने इस शिकायत पर अज्ञात आरोपी जिसमें जिप्सी ड्राइवर गाइड जिप्सी वाहन के मालिक के विरुद्ध 54,57,126(2),189(2),191(2),221,224,267,296,324(2),132 भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज का विवेचना शुरू की है इस मामले की विवेचना उप निरीक्षक कैलाश पटेल द्वारा की जा रही है।

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