जिले में बढ़ रहा साइबर ठगी की वारदात का ग्राफ पहले यूपीआई से करते थे खातों से राशि आहरित अब आवाज का क्लोन बनाकर कर रहे साइबर ठगी

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जिले में साइबर ठगी का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है एवं साइबर ठगों द्वारा अब नए-नए तरीके से आम जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने का कार्य किया जा रहा है पहले साइबर ठगों द्वारा यूपीआई पिन के माध्यम से उनकी गाढ़ी कमाई को खातो से निकाल लेते थे तो कभी सोशल मीडिया पर लुभाने विज्ञापन एवं नौकरी के नाम पर साइबर ठगी की जाती थी किंतु जिले में अब देखने यहां मिल रहा है कि साइबर ठगों द्वारा किसी भी आम इंसान की आवाज का क्लोन बना कर या आवाज को हूबहू कॉपी कर परिचित बनकर विश्वास में लेकर आम जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिले में लगभग अभी तक दो से तीन मामले आवाज को क्लोन कर परिचित बनकर धोखाधड़ी करने के साइबर थाने में दर्ज हुए हैं

आपको बता दे की बीते दिनों महज साइबर ठगों द्वारा या यूपीआई के माध्यम से आम जनता की कमाई चुराई जाती थी तो कभी वह विज्ञापनों के नाम पर पैसे ले लिये जाते थे तो कभी नौकरी दिलाने या फिर लिंक के माध्यम से आम जनता के अकाउंट को खाली कर लेते थे किंतु अभी जिले में दो ऐसे ताजा मामले सामने आए हैं जिसमें साइबर ठगों के द्वारा उनके परिचित बनाकर एवं उनकी आवाज को कॉपी कर या यु कहे की आवाज का क्लोन बनाकर पैसे हतियाई जा रहे है ताजा मामला जिले का है जिसमें साइबर ठगों द्वारा आवेदक के परिचित बनाकर सबसे पहले उन्हें फोन किया गया और उन्हें फोन के माध्यम से पहले बातों ही बातों में उनका विश्वास जीत लिया गया जिससे आवेदक को भी लगा कि वह जिसे बात कर रहे हैं वह उनके परिचित है और वह उन्हें आवाज के माध्यम से पहचानते हैं उसके बाद उन्होंने अपनी परेशानी बताकर उनसे 50,000 रूपये की राशि मांगी जिसमें उन्होंने आवाज परिचित होने की वजह से उन्हें राशि दे दी एवं उसके बाद जब उन्हें पता चला कि जिन परिचित को उन्होंने पैसे दिया है उसे परिचित के द्वारा तो उनसे पैसे ही नहीं लौटाए गए हैं और ना ही उन्हें फोन किया गया है उसके बाद आवेदक द्वारा साइबर थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है

दूसरा मामला भी जिले का ही है जहां पर साइबर ठगों द्वारा सबसे पहले आवेदक को फोन कर बातों में अपनी परेशानी बताई गई जिसमें उन्होंने उनके परिचित की आवाज का क्लोन बनाकर उनसे भरोसा दिलाया गया कि वह उनके परिचित हैं एवं बाद में अपनी परेशानी बताते हुए आवेदक से 10000 रूपये की मांग की और कहां की वह जल्द ही उन्हें वापस कर देंगे किंतु जब उनके द्वारा बाद में फोन लगाया गया कि उन्होंने पैसे दिए हैं तब पता चला कि उन्होंने जिस पैसे दिए हैं वह उनके परिचित नहीं है और ना ही उनसे उन्होंने कोई बातचीत की है तब आवेदक को पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हो गई है जिस पर उन्होंने उक्त मामले को की शिकायत कोतवाली स्थित साइबर सेल में की है

वही तीसरा मामला भी शहर का ही है जहां पर साइबर ठगों द्वारा आवेदक से पहले तो लिंक के माध्यम से बोनस की राशि को लेकर फोन किया गया एवं उसके बाद जब पैसे ट्रांसफर की बात आई तो जिसके नाम पर एलआईसी का खाता चल रहा था उसके नाम पर राशि ना डालकर उनके परिजनों से बात की गई और कहां गया कि जिसके नाम पर एलआईसी का खाता है उनके अकाउंट में पैसा नहीं जा रहा है एवं सभी से उनके अकाउंट की जानकारी मांगी गई एवं परिवार में जो शासकीय नौकरी में काम कर रही स्टाफ नर्स का अकाउंट नंबर मांग कर उनके खाते में 150,000 डालने की बात कही गई एवं जिनके द्वारा अपना खाता नंबर दिया गया था उनके अकाउंट पर सबसे पहले एक से दो रुपए डालने की प्रक्रिया के नाम पर मोबाइल पर लिंक भे
जा गया एवं जैसे ही लिंक दिया गया उसके बाद साइबर ठाकुरों द्वारा उनके अकाउंट से 99 हजार रुपए की राशि आहरित कर ली गई एवं जैसे ही 99 हजार रुपए कटे वैसे ही उन्होंने साइबर ठगों को कॉल किया तो उसके बाद साइबर ठगों द्वारा फोन नहीं उठाया गया तब उन्हें पता चला कि उन्हें न ही कोई बोनस की राशि दी गई है बल्कि उनके खातों से पैसे काट लिए गए हैं जिस पर उन्होंने भी साहिब सेल थाना जाकर अपनी शिकायत दर्ज की गई

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