चीन की सरकार अपने अरबपति कारोबारी जैक मा के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है। कई तरह से परेशान करने के बाद अब चीनी सरकार ने उनकी कंपनी पर 2.78 अरब डॉलर यानी करीब 18 युआन (चीनी मुद्रा) का जुर्माना लगाया है। सरकार ने अलीबाबा पर एकाधिकार विरोधी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है और इसी मामले में जुर्माना लगाया गया है। इसे अलीबाबा के खिलााफ हुई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों का कहना है कि अलीबाबा ग्रुप ने न केवल एंटी-मोनोपोली नियमों का उल्लंघन किया है, बल्कि बाजार में अपनी साख का दुरुपयोग भी किया है। पिछले साल दिसंबर में ही चीनी की सरकार ने अलीबाबा ग्रुप पर मोनोपोली यानी एकाधिकार के गलत इस्तेमाल को लेकर जांच के आदेश दिए थे।
जैक मा से क्यूं नाराज है सरकार?
पिछले साल अक्टूबर में जैक मा ने चीन सरकार की आलोचना की थी, जिसके बाद से वो कुछ महीनों के लिए लापता हो गए थे। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो-हल्ला मचा, तो कुछ महीनों बाद जैक मा एक ग्रामीण शिक्षक पुरस्कार समारोह में शामिल दिखे थे। लेकिन उसके बाद से उनकी खबरें आनी लगातार कम होती गईं। अब सरकार ने उन पर अरबों डॉलर का जुर्माना ठोक दिया है। वैसे जुर्माने की यह राशि 2019 में अलीबाबा द्वारा कमाए गए रेवेन्यू के लगभग 4 फीसदी के ही बराबर है।