ज्ञानवापी परिसर में आज दूसरे दिन भी एएसआई टीम का सर्वे शुरू हो गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आज हो रहे सर्वे में मुस्लिम पक्ष के वकील भी शामिल हुए हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद ज्ञानवापी परिसर में ASI का सर्वे जारी है। मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि हम एएसआई के सर्वे से संतुष्ट हैं और टीम को सहायता कर रहे हैं।
इस बीच वाराणसी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने जानकारी दी है कि एएसआई सर्वे आज सुबह 9 बजे शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी से अपील करते हैं कि सर्वेक्षण में सहयोग करें और इसे जल्द से जल्द पूरा करें। वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आए हैं। हम चाहते हैं कि मामला जल्द सुलझ जाए।
सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को लगा झटका
शुक्रवार को इस मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए ASI सर्वे को हरी झंडी दिखा दी थी। सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद मिलने के साथ ही ASI सर्वे अब जारी रहेगा। ज्ञानवापी परिसर में ASI ने सर्वे के लिए 4 टीमें बनाई हैं। दो टीमों ने ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार की जांच शुरू की। तीसरी टीम को पूर्वी दीवार और चौथी टीम को उत्तरी दीवार व उससे जुड़े क्षेत्रों में जांच के लिए लगाया गया। टीम ने इन दीवारों के साथ ही इमारत की बाहरी दीवारों के आसपास जीपीआर का उपयोग किया। प्रयास यह जानने का था कि बाहरी क्षेत्र में भी तहखाने हैं या ठोस जमीन है।
एएसआई की टीम में कुल 33 सदस्य
एएसआई की 33 सदस्यीय टीम का नेतृत्व अतिरिक्त महानिदेशक एडीजी आलोक त्रिपाठी कर रहे हैं। ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार में हिंदू मंदिरों में मिलने वाली कलाकृतियों की भरमार है। यहां एएसआई टीम को हाथी के सूंड नुमा आकृति का चिन्ह मिला है। साथ ही यहां नक्काशी, स्वास्तिक, कलश फूल, कमल के फूल आदि की आकृतियां दिखी हैं। मंदिर पक्ष के अनुसार, पश्चिमी दीवार में ही मां श्रृंगार गौरी के मंदिर का प्रवेश द्वार है।
पहले दिन के सर्वे में मिले ये साक्ष्य
ASI टीम सर्वे के लिए जब ज्ञानवापी परिसर में पहुंची तो टीम का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिमी दीवार पर रहा। पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी की गई। सबसे पहले दीवार के आसपास की जमीन पर घास को अपने हाथों से उखाड़ा। जब दीवार नजर आई तो यहां बनी कलाकृतियों की जांच की गई। यहां दीवार में एक दरवाजे को पत्थरों से बंद किया गया है। इस दरवाजे की बनावट भी दीवार से मेल खाती है या नहीं, इसकी भी जांच की गई। चूंकि पहले दिन के सर्वे में मुस्लिम पक्ष की ओर से किसी के मौजूद न रहने से तहखानों व गुंबद के नीचे मौजूद कमरे की चाबी नहीं मिल पाई थी।