दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर मोदी ने यज्ञ किया:PM बोले- महिला सशक्तिकरण के लिए स्वामीजी ने आवाज उठाई, छुआछूत के खिलाफ लड़े

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान वह यज्ञ में भी शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय स्वामीजी ने महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज उठाई थी और छुआछूत के खिलाफ लड़े थे।

पीएम ने कहा- यह अवसर ऐतिहासिक है और भविष्य के इतिहास को निर्मित करने का है। यह पूरे विश्व के मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा का फल है। स्वामी दयानंद जी और उनका आदर्श था कि हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाएं। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद हैं।

पीएम ने कहा- जब महर्षि दयानंद का जन्म हुआ था तब देश सदियों की गुलामी से कमजोर पड़ कर अपनी आभा, तेज, आत्मविश्वास सब कुछ खोता चला जा रहा था। प्रति क्षण हमारे संस्कार, आदर्श को चूर-चूर करने का प्रयास होता था।

उन्होंने कहा- महर्षि ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत जैसी समाज की कुरीतियों के खिलाफ अभियान शुरू किया। हमारे इतिहास और परम्पराओं को दूषित करने का प्रयास किया गया। उसी समय महर्षि दयानंद जी के प्रयास समाज में संजीवनी के रूप में प्रकट हुए और उनका कायाकल्प किया।

PM बोले- महर्षि जी ने महिलाओं के साथ भेदभाव का विरोध किया
मोदी ने कहा कि महर्षि जी ने समाज में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव का विरोध किया। उन्होंने महिला शिक्षा के लिए कार्यक्रम शुरू किया। करीब 150 साल पहले वह इन बुराइयों के खिलाफ खड़े हुए थे। महर्षि जी ने राष्ट्र और समाज के हर पहलू के प्रति एक समग्र, समावेशी और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया।

आर्य समाज के संस्थापक था महर्षि दयानंद सरस्वती
महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने लोगों को संदेश दिया कि ‘वेदों की ओर लौटो’ अर्थात् उनका मानना था कि वेदों में ही जीवन की सत्यता है। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नाम की किताब भी लिखी है।

देश के पहले ग्रीन कॉरिडोर वाले एक्सप्रेसवे का होगा उद्धाटन

PM मोदी का दूसरा कार्यक्रम दोपहर में राजस्थान में होगा। यहां वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले फेज का उद्घाटन करेंगे।देश के पहले ग्रीन कॉरिडोर वाले एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन राजस्थान में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दौसा में दोपहर 2 बजे इसकी शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम स्थल धनावड़ गांव में एक जनसभा भी होगी, जिसके लिए विशालकाय डोम बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि करीब दो लाख लोग इस मौके पर मौजूद रहेंगे। डोम में 60 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी एक्सप्रेस-वे के पहले फेज सोहना-दौसा खंड के उद्धाटन के लिए दौसा जिले के धनावड़ गांव हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे। यहां वीवीआईपी गेस्ट के लिए 6 हेलीपैड बनाए गए हैं। सभा के लिए दौसा जिला मुख्यालय से 18 KM दूर एक्सप्रेस-वे के पास धनावड़ रेस्ट एरिया में 3 डोम बनाए गए हैं। इस कार्यक्रम में VIP गेस्ट हेलिकॉप्टर से आएंगे, इसके लिए अलग-अलग 6 हेलीपैड बनाए गए हैं।

दौसा से एक्सप्रेस-वे पर कहां से चढ़ सकते हैं
दौसा के लोग जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे 21 पर भांडारेज इंटरचेंज से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे। एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले व्हीकल्स भांडारेज इंटरचेंज से ही नीचे उतर कर जयपुर व आगरा की ओर जा सकेंगे। आसपास स्थित गांवों के लोगों की हाईवे से कनेक्टिविटी के लिए गांवों के पास अंडरपास बनाए हैं। हालांकि बांदीकुई इलाके के कई गांवों के लोग अंडरपास की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।

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