नगर पालिका कर्मचारियों की बीते दिनों से चल रही हड़ताल आश्वासन पर हुई समाप्त

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अपनी लंबित मांग को लेकर नगर पालिका के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले बीते दिनों से नगर पालिका के सामने हड़ताल की जा रही थी जो की बीती रात जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के आश्वासन पर समाप्त कर दी गई जिस पर नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा मीडिया से चर्चा के दौरान यह कहा गया कि वह नगर पालिका के कर्मचारी के साथ है किंतु जिस प्रकार से नगर पालिका के कर्मचारियों को बहला फुसला कर बरगलाया जा रहा है वह ठीक नहीं है जबकि उनकी कोई भी मांगे पूरी नहीं हुई और उन्हें आश्वासन देकर हड़ताल खत्म करवा दी गई जो की सही नहीं है

भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले कर रहे नगर पालिका की सफाई कर्मचारी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा अपनी लंबित मांग को लेकर हड़ताल की जा रही थी किंतु बीती रात जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक में उनके आश्वासन पर हड़ताल स्थगित कर दी गई है जबकि देखा जाए तो यह कोई पहली बार नहीं है कि नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा अपनी लंबित मांग को लेकर हड़ताल की जा रही हो ,हर बार कर्मचारियों द्वारा भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले अपनी लंबित मांग को लेकर हड़ताल की जाती है जबकि ,आज भाजपा की ही सरकार है और भाजपा का ही नगर पालिका अध्यक्ष ,नगर पालिका में आसीन है और यह जो कर्मचारी लगे हैं वह भी, भाजपा के ही अध्यक्ष के कार्यकाल में या कर्मचारी को लगाया गया है, अब इसमें विचारणीय बात यह है कि भारतीय मजदूर संघ भी भाजपा का ही एक अंग है ,जो की भारतीय मजदूर संघ के नाम से जाना जाता है अब जब जो सरकार के ही अंग है और वह सरकार के ही विरुद्ध कर्मचारियों के साथ मिलकर हड़ताल करेंगे तो वह कितनी सार्थक सिद्ध होगी यह तो विचारणी प्रश्न है क्योंकि देखा जाता है कि जब भी कोई भाजपा के बड़े जनप्रतिनिधि या नेता के द्वारा हड़ताल को उग्र होता देख बैठक करने की बात कही जाती है और कहीं ना कहीं भारतीय मजदूर संघ के ही पदाधिकारी को पुनः विचार कर हड़ताल को समाप्त करने के लिए कह दिय जाता है और हड़ताल भी आसानी से भोले भाले मजदूर को भला फुला कर समाप्त कर दी जाती है तो जब यह महज एक दिखावे के लिए ही इस प्रकार की हड़ताल करना है तो फिर इतने मजदूरों को कुछ दिन के लिए सड़कों पर उतारकर आखिर यह क्या सिद्ध करना चाहते हैं यह तो समझ के पार है

जब मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल समाप्त कैसे करवा दी गई-

नगर पालिका परिषद के नेता प्रतिपक्ष योगराज कारू लिल्हारे द्वारा बताया गया कि वह नगर पालिका की कर्मचारियों के साथ थे और जिस प्रकार से रातों-रात उनकी हड़ताल को समाप्त कर दिया गया वह कहीं ना कहीं गलत है जबकि देखा जाए तो उनकी कोई भी मांग पूरी नहीं हुई है और कुछ दिन तक हड़ताल करवरकर उनकी हड़ताल को एकाएक खत्म करना यह गलत है नगर पालिका के कर्मचारी चार दिन से हड़ताल कर रहे थे और एकाएक उनकी हड़ताल को समाप्त कर दिया गया जबकि उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की गई और जब मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल समाप्त कैसे करवा दी गई है

अपना हित साधने के लिए चार दिन उन्हें बैठाला गया –

भारतीय मजदूर संघ ही भारतीय जनता पार्टी का ही अनुवांशिक अंग है जिस कारण उन्हें के पदाधिकारी द्वारा कर्मचारियों को गलत नियम की जानकारी देकर उन्हें बरगला दिया गया और अपना हित साधने के लिए चार दिन उन्हें बैठाला गया और कल भाऊ के पास लेकर जाया गया और आपस में बैठकर समझौता कर लिया गया और हड़ताल समाप्त हो गई जबकि उनकी जितनी मांगे लेकर वह हड़ताल कर रहे थे उसमें से एक भी मांगे उनकी पूरी नहीं हुई है और उनसे यह कह दिया गया की देखेंगे कैबिनेट में सोचेंगे उनके प्रस्ताव पर सहमति बनाते हैं या फिर कैबिनेट में उनकी बात को रखा जाएगा ,जब भारतीय मजदूर संघ ना कर्मचारियों के हितों में कम कर रहा है और ना ही कोई कर्मचारी को उनकी मांगों के तहत उनकी मांगे को पूरा करवा रहा है

जबकि कर्मचारियों को पक्का करने का नियम आया ही नहीं था-

भारतीय मजदूर संघ द्वारा ही कर्मचारियों को यह नियम बताया गया था कि कर्मचारियों को पक्का करने का नियम आया है जबकि ऐसा नियम आया ही नहीं था और इस नियम के तहत प्रायोजित कर हड़ताल करवा दी गयी और हमारे नगर पालिका की कर्मचारियों का चार दिन का नुकसान करवाया गया और उनकी चार दिन की अनुपस्थित लगी है एवं चार दिन का उनका वेतन काटा जाएगा और उनके वेतन का भुगतान आज कौन करेगा

भारतीय मजदूर संघ को आंदोलन करने की आवश्यकता ही नहीं है –
योगराज लिल्हारे द्वारा यह भी बताया गया कि आज सरकार का ही अंग भारतीय मजदूर संघ भी है और जब भारतीय मजदूर संघ सरकार का अंग है तो फिर उनके अधीनस्थ जितने भी संघ आते हैं और जितने भी धरना आंदोलन होते हैं उन्हें धरना आंदोलन करने की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि उन लोगों की जो भी समस्या है वह समस्या को यह भारतीय मजदूर संघ जो की सरकार से जुड़ा हुआ है वह सीधे सरकार के समक्ष रखकर उनकी समस्या को सुलझा सकता है और उनकी समस्या खत्म हो सकती है भारतीय मजदूर संघ द्वारा ऐसा ना करके उनसे हड़ताल करवरकर उन्हें गुमराह करवाया जाता है और देखा जाए तो जब आप एक अनुवांशिक संघ जो सरकार से जुड़ा है वह सीधे-सीधे सरकार का अंग है जबकि इन्हें सत्ता के अधिकारियों के साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए और उनकी समस्या को लेकर बात करना चाहिए किंतु इस प्रकार से कुछ नहीं किया जाता है

यह संघ के लोग भीड़ दिखाकर फायदा लेने वाले लोग हैं –

कर्मचारियों को हड़ताल करवाने के लिए बाध्य कर उनसे सड़कों पर रैली निकाली जाती है और दिखावा के लिये आवेदन ज्ञापन दिये जाते हैं कि हमारे साथ कितने लोग जुड़े हुए हैं किंतु किसी की भी कोई मांगे पूरी नहीं की जाती है सही मायने में भारतीय मजदूर संघ मजदूरों का हितेषी सॉन्ग नहीं है यह संघ के लोग भीड़ दिखाकर फायदा लेने वाले लोग हैं

नगर पालिका के कर्मचारी स्वयं अपना नगर पालिका का एक यूनियन बनाए-

नेता प्रतिपक्ष योगराज लिल्हारे द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों से यह भी आवाहन किया गया है कि नगर पालिका के कर्मचारी स्वयं नगर पालिका का एक यूनियन बनाए जिसमें अपनी बॉडी का गठन कर अपनी हक की लड़ाई आप स्वयं लड़े और ऐसे गुमराह करने वाले संगठनों से दूर रहे क्योंकि इन संगठनों के साथ यदि आप आंदोलन या हड़ताल करते हैं तो आपकी मांगे कभी पूरी नहीं होगी मजदूरों की एक भी मांगे को लेकर कोई गंभीर चर्चा नहीं की गई है और ना ही कोई सहमति बनी जबकि पहले से ही फिक्स रहता है कि कितने दिनों से हड़ताल शुरू होगी और इतने दिनों तक हड़ताल चलेगी और उसके बाद हड़ताल खत्म कर दी जाएगी

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