लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने आरोपी रंजीत पिता राजाराम तुरकर26 वर्ष ग्राम मिरिया माता टोली थाना बहेला निवासी को एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में दोषी पाया। विद्वान अदालत ने इस आरोपी को 3 वर्ष की कठोर कारावास और 3500 रुपयेअर्थदंड से दंडित किये।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने बताया कि 23 जनवरी 2020 को दोपहर 3:00 बजे अभियोक्त्रि खेत में गोबर और कंडा चुने गई थी तभी वहां अभियुक्त रंजीत आया और उसने बुरी नियत से अभियोक्त्रि का हाथ पकड़ लिया। अभियोक्त्रि के चिल्लाने पर रंजीत वहां से भाग गया। अभियोक्त्रि ने घर आकर घरवालों को घटना के संबंध में बताई और बहेला थाना रिपोर्ट करने पहुंची। बहेला पुलिस ने अभियोक्त्रि द्वारा की गई रिपोर्ट पर आरोपी रंजीत के विरुद्ध अपराध दर्ज किया और इस अपराध में रंजीत को गिरफ्तार करके विद्वान अदालत में पेश कर दिए। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान न्यायालय में पेश किया गया था। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी रंजीत के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने आरोपी रंजीत तुरकर को धारा 354 ए भादवि सहपठित धारा3(2)5ए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 2 वर्ष के कठोर कारावास और 500 रुपये अर्थदंड,धारा 3(1)w(i),3(1)w(ii) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर कारावास और 500 रुपए अर्थदंड,धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत 3 वर्ष की कठोर कारावास एवं 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 12 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत 2 वर्ष की कठोर कारावास और 500 रुपये अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले की पैरवी शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी कपिल डेहरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।