निशुल्क सेवा के नाम पर वसूला जा रहा शुल्क ?

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शनिवार को जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में उस वक्त हंगामा मच गया जब 108 जननी एक्सप्रेस के वाहन चालक ने एक प्रसूता और उसके परिजनों को उनके घर तक ले जाने के लिए मना कर दिया, तो वही दूसरे जननी एक्सप्रेस के वाहन चालक नहीं प्रसूता और उनके मरीजों से 700 रु की मांग की।

इस पर जब प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल पर लिखे शिकायत नंबर पर फोन लगाया तो उस शिकायत नंबर बालाघाट के अधिकारियों को लगने की जगह ट्रांसफर हो चुके अधिकारियों और रिटायर अधिकारियों को लगने लगे।

इसे प्रस्तुत और उनके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाते हुए जननी एक्सप्रेस सेवा सहित अन्य प्रकार की सेवाओं को तत्काल बंद करने या फिर निशुल्क को सेवाओं के नाम पर शुल्क की वसूली पर रोक लगाने की मांग की वहीं उन्होंने उच्च अधिकारियों से मामले का संज्ञान लेते हुए प्रसूता को घर ना ले जाने वाले और प्रसूता को घर तक छोड़ने के लिए पैसों की मांग करने वाले वाहन चालकों पर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बिरसा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चकरवाही टिंगीपुर निवासी विकास टेम्बरे ने अपनी 23 वर्षीय गर्भवती पत्नी निशा टेम्भरे को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था जहां शनिवार की सुबह करीब 5 बजे प्रसूता निशा ने नॉर्मल डिलीवरी के दौरान एक बेटे को जन्म दिया।

लेकिन जन्म के तुरंत बाद ही नवजात की मौत हो गई जिस पर पति विकास उनके परिजन ढेकलाल पटले सहित अन्य परिजनों ने नवजात का अंतिम संस्कार किया।

वहीं प्रसूता को घर वापस ले जाने के लिए जननी सेवा 108 में फोन कर एंबुलेंस बुलाई मजिस पर संबंधित कंपनी इन्हें प्रसूता और उनके परिजनों को टिंगीपुर पहुंचाने के लिए एंबुलेंस क्रमांक एमपी 50-डीए- 0536 भेज दी।

लेकिन इस एंबुलेंस चालक ने बच्चा मरा होने के कारण प्रसूता और उनके परिजनों को उनके घर ले जाने से मना कर दिया जिस पर उस चालक ने दूसरे जननी वाहन क्रमांक एमपी 50-0583 के चालक से बातचीत की और प्रसूता को उसके घर ले जाने के लिए कहा जिस पर दूसरे वाहन चालक ने प्रसूता के परिजनों से 700रु की मांग की जिस पर दुख में डूबे हुए प्रसूता के परिजन भड़क गए और उन्होंने ट्रामा सेंटर में जमकर हंगामा मचाया।

जिला जननी वाहन प्रभारी निशीथ श्रीवास्तव ने बताया कि हमने मामले का पता किया है पहला ड्राइवर बिजी था इसीलिए वह दूसरा केस लेने चले गया था वही दूसरे ड्राइवर से पैसों की कोई बात नहीं हुई है दूसरे ड्राइवर ने उनके ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है फिर भी हम अपने स्तर से मामले का पता कर रहे हैं।

सिविल सर्जन डॉ संजय धबड़गांव ने बताया कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है जिसकी जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

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