मैं आईएएस बनने दिल्ली आई थी। मगर, बेसमेंट में दफन हो गई, अब मेरे सपने का क्या…यह सवाल अब श्रेया की आत्मा हर किसी से पूछ रही है। 25 साल की श्रेया यादव IAS बनकर जिस सिस्टम को ठीक करना चाहती थी, उसी सिस्टम की लापरवाही ने उसकी जान ले ली। हाल ही में उन्होंने RAU’S IAS स्टडी कोचिंग सेंटर में दाखिला लिया था। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी थी, जिसमें करीब 35 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रही थीं। शनिवार को दिल्ली में भारी बारिश के बाद बेसमेंट में अचानक पानी भरना शुरू हो गया। जब तक किसी को कुछ समझ आता, तब तक पानी तेजी से अंदर आ गया। 2-3 मिनट में ही करीब बेसमेंट में 12 फीट तक पानी भर गया। कई छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया। मगर, श्रेया के साथ-साथ तान्या सोनी और केरल के युवा नवीन डॉल्विन बेसमेंट से नहीं निकल पाए। इनकी लाश ही बाहर आ पाई। आइए-समझते हैं कि कमाई के लालच में ये कोचिंग संस्थान कैसे हैवान बनते जा रहे हैं।
स्टोर रूम बने रीडिंग रूम, संकरी सी जगह में 3000 छात्र
दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक कोचिंग में पढ़ाने में वाले विमल त्रिपाठी (बदला हुआ नाम) बताते हैं कि राजेंद्र प्लेस, करोल बाग, मुखर्जी नगर, नेहरू विहार और गांधी विहार जैसे कई इलाके हैं, जहां नियमों को ताक पर रखकर कोचिंग संस्थान चलाए जा रहे हैं। कई बड़े कोचिंग संस्थान तो बेसमेंट में चल रहे हैं। इनमें एक-एक बार में 3000-3000 तक स्टूडेंट्स पढ़ते हैं। यहां उन्हें कोई टोकने वाला नहीं है। अगर किसी बात को लेकर भगदड़ मच जाए तो रास्ता सिर्फ एक संकरा सा ही है। कई लोगों की जान जा सकती है।
कभी शॉर्ट सर्किट तो कभी टूट जाती हैं सीढ़ियां
दिल्ली के मुखर्जी नगर या नेहरू विहार के कोचिंग संस्थान जिन इमारतों में चल रहे हैं, वो इतने जर्जर हो चुके हैं कि वो कभी भी ढह सकते हैं। जब एक कोचिंग संस्थान की लाइब्रेरी में तीन लोगों की जान चली गई तो वह खबर बन गई, मगर यहां के कई कोचिंग संस्थान की लाइब्रेरी में हर 10 दिन पर ऐसे हादसे सुनने को मिलते हैं। जब कोई छात्र शॉर्ट सर्किट से झुलस जाता है। या किसी को सफोकेशन से अस्पताल पहुंचाया गया। कई बार तो बिल्डिंग जर्जर होने से सीढ़ियां तक टूट जाती हैं और उस वजह से कई लोग घायल हो जाते हैं। मगर, ये खबरें बाहर नहीं आ पाती हैं।