फ्रांस में पेंशन रिफॉर्म बिल के खिलाफ गुरुवार को अलग-अलग शहरों में 200 से ज्यादा प्रदर्शन हुए। करीब 35 लाख लोग मैक्रों सरकार के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे। राजधानी पेरिस में करीब 8 लाख लोगों ने मार्च निकाला। देर रात कई प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। बोर्डो शहर में गुस्साए लोगों ने सिटी हॉल के मेन गेट पर आग लगा दी। यूनियन की तरफ से प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में झंडे, पोस्टर और बैनर थे। इस पर पेंशन बिल और मैक्रों विरोधी नारे लिखे हुए थे।
रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ाकर 64 करने के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के दौरान ज्यादातर शहरों में स्कूल और कॉलेज बंद रहे। कुछ शहरों में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बस स्टॉप, होर्डिंग, दुकान की खिड़कियों और न्यूजपेपर स्टॉल्स पर तोड़फोड़ भी की। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने बताया कि झड़प में करीब 120 पुलिसकर्मी घायल हुए। वहीं प्रदर्शनकारियों में से करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया।
मैंक्रों बोले- लोगों को बिल की जरूरत नहीं समझा पाए
इससे पहले 22 मार्च को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था- मुझे इस बिल का कोई अफसोस नहीं है। हम देश हित के लिए जरूरी है। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बॉर्न अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगी। मुझे सिर्फ एक बात का दुख है कि मैं फ्रांस के लोगों को इस बिल की जरूरत नहीं समझा पाया। कोरोना के बाद देश में महंगाई बढ़ गई है। इसी वजह से हमें इस बिल की जरूरत है।