बांग्लादेश में फिर से पैर जमाना चाहती है ISI, पाकिस्तान से करीबी बढ़ा रहे मोहम्मद यूनुस, भारत के लिए बड़ा खतरा

0

इस्लामाबाद: बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद पाकिस्तान को फायदा दिख रहा है। पाकिस्तान एक बार फिर बांग्लादेश से अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश में लगा है। ठीक उसी तरह जब बांग्लादेश में नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी सत्ता में थी। इस बार पाकिस्तान का ध्यान मुख्य रूप से व्यापार, संस्कृति और खेल पर है। लेकिन पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI का नेटवर्क एक बार फिर बांग्लादेश में सक्रिय हो सकता है। यह भारत के लिए चिंता की बात है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को काहिरा में आयोजित डी-8 शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। दोनों ने व्यापार और सांस्कृतिक तथा खेल प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान के जरिए संबंधों को फिर से मजबूत करने पर सहमति जताई। यूनुस और शरीफ ने सार्क को पुनर्जीवित करने की संभावना पर भी चर्चा की, लेकिन यह कदम आगे बढ़ने की संभावना कम है, क्योंकि भारत को इस विचार में खास रुचि नहीं है।

1971 के मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं यूनुस

शेख हसीना जब बांग्लादेश की पीएम थीं तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से कभी-कभी बातचीत होती थी। लेकिन कोई व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हुई। बांग्लादेश ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए पाकिस्तान से 1971 के मुद्दों को ‘हमेशा के लिए’ सुलझाने को कहा है ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संघबाद संगठन (BSS) ने यह जानकारी दी।

क्या बोला पाकिस्तान?

यूनुस ने शरीफ से 1971 के मुद्दों को सुलझाने का आग्रह किया ताकि ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। यूनुस ने कहा, ‘ये मुद्दे बार-बार आते रहे हैं। आइए हम उन मुद्दों को सुलझा लें ताकि हम आगे बढ़ सकें।’ शरीफ ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत के बीच 1974 के त्रिपक्षीय समझौते से मामले सुलझ गए हैं, लेकिन अगर कोई अन्य लंबित मुद्दे हैं तो उन्हें उन पर विचार करने में खुशी होगी। यूनुस ने कहा कि यह अच्छा होगा कि ‘भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बार में हमेशा के लिए’ इन चीजों को सुलझा लिया जाए।

बांग्लादेश में भारत के लिए खतरा

सूत्रों के अनुसार, शेख हसीना के सत्ता से हटते ही पाकिस्तान ने बांग्लादेश से संबंध सुधारने की कोशिशें तेज कर दी हैं, जिससे ISI का नेटवर्क फिर से सक्रिय हो गया है। यह नेटवर्क भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। 1991-96 और 2001-06 के बीच, जब बांग्लादेश में बीएनपी-जमात सत्ता में थी, तब ISI ने भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया, जिसमें पूर्वोत्तर विद्रोही समूहों और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन और धन मुहैया कराया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here