वारासिवनी में 17 जनवरी की देर रात अचानक मौसम में करवट ली और इसी के साथ हल्की बूंदाबांदी होने लगी और अगले दिन 18 जनवरी को आसमान में बदली छाई रही वहीं सुबह बूंदाबांदी का असर देखा गया। जिसके कारण किसान चिंतित नजर आने लगे तो वहीं सेवा सहकारी समिति कोस्ते थानेगांव सहित विभिन्न समितियां में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य बंद रहा। इस दौरान परिसर में खरीदी की गई उपज फैली हुई थी उसे स्टेक लगाने का कार्य किया जाता रहा इस प्रकार के बेमौसम बदलाव से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आपको बतादे की खरीदी कार्य अपने अंतिम चरण में है 19 जनवरी को के बाद समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य बंद हो जाएगा जिसको लेकर किसानों के द्वारा खरीदी की तारीख आगे बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है फिलहाल शासन के द्वारा तारीख बढ़ाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में अपनी उपज देने के लिए किसान समितियां में अंतिम दौर में पहुंच रहे है जो डंप व मौसम के कारण परेशान नजर आ रहे हैं तो वही समिति भी इसे लेकर सतर्क नजर आ रही है।
परिवहन ना होने से बनी है समितियों में अव्यवस्था
यहां बताना लाजिमी है कि वारासिवनी अंतर्गत सेवा सहकारी समिति कोस्ते में करीब 16576 क्विंटल और थानेगांव सोसाइटी मैं करीब 15000 क्विंटल सहित अन्य समिति में भी धान डंप पड़ा हुआ है। जो समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र में समय रहते खरीदे गए धान का परिवहन ना होने के कारण भारी अवस्था बनी हुई है जिसमें हालत यह है कि कोस्ते समिति का परिसर डंप धान से पूरा भर चुका है जिनके द्वारा स्कूल परिसर को भी भर दिया गया है। इसी प्रकार थानेगांव समिति का परिसर भी धान का उठाओ ना होने से डंप धान से भर चुका है जहां नए किसानो को शासन को धन देने में समस्या हो रही है तो वहीं समिति भी संपूर्ण उपज को सुरक्षित करने में असमर्थ नजर आ रही है। ऐसे में बीती रात और गुरुवार की सुबह हुई बारिश से धान में नमी आ गई है अंतिम दौर में दो-चार किसान समिति में धान देने पहुंचे थे उनकी उपज भी नरम हो गई और मौसम की खराबी से खरीदी बंद रहने से परेशानी का सामना करना पड़ा।
किसान संतोष गौतम ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि समस्या है की कोस्ते सोसाइटी में 16000 क्विंटल से अधिक धान डंप पड़ा हुआ है जिसका उठाओ परिवहन के द्वारा नहीं किया गया है ऐसे में सभी को समस्या बनी हुई है की किसान अपनी उपज नहीं रख पा रहा है। बारिश हो रही है बूंदाबांदी से समस्या उपज रखने की और उसे सुरक्षित करने की है अब समिति द्वारा भी एक निश्चित डंप की सुरक्षा व्यवस्था की जा सकती है पर इतने डंप की सुरक्षा असंभव है यहां आने जाने का रास्ता तक नहीं है जो पिछले समय से ही लगातार परिवहन ना होने से समस्या बनी है। हम चाहते हैं कि यहां से उपज का परिवहन होना चाहिए और शायद ही अब किसान आएंगे।
किसान जगतलाल नागेश्वर ने बताया कि हम सिकंदरा के किसान है थानेगांव सोसाइटी के खरीदी केंद्र में हम अपनी उपज देने के लिए आए हुए हैं जहां पर हल्की बारिश का पानी गिरा है और धन के अंदर नमी बन गई है। यदि यह पानी तेज आ जाता तो धन खराब हो जाती वह पाखड़ हो जाती उसमें टेस्ट नहीं होता है यहां करीब 15000 क्विंटल धान डंप है जिसका उठाओ होना चाहिए। बारिश से सभी को समस्या है मौसम खराब बना हुआ है अभी तो खरीदी गई उपज समिति द्वारा एकत्रित की जा रही है नई खरीदी बंद है।
कोस्ते सहायक प्रबंधक पीएल गौतम ने बताया कि 554 में 530 किसानों से करीब 26000 क्विंटल धान खरीदी किया है जिसमें 9000 क्विंटल धान का परिवहन हो गया है 16500 क्विंटल धान का डंप बना हुआ है। परिवहन अभी नगण्य है जिसके लिए डीएमओ से चर्चा कर पत्राचार भी किया गया है वही मिलर्स को भी कहा गया है कि वह आरओ कटवाकर उपज को उठाने का काम करें यह शासन की योजना है। बारिश ज्यादा नहीं हुई अभी उपज उठाने का कार्य किया जा रहा है उपज सुरक्षित करने के लिए प्रयास हो रहे हैं।