मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि एक माह का काटा गया वेतन भुगतान करने की मांग पर विचार किया जाए। इसके लिए तीन माह की समयावधि निर्धारित की गई है। न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता खंडवा निवासी सुधीर चौबे की ओर से अधिवक्ता शक्ति कुमार सोनी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता शासकीय बालक एमएल हाई स्कूल, खंडवा में पदस्थ है। जनशिक्षक बतौर कार्यरत रहते हुए मामूली गलती होने पर एक माह का वेतन काटने का निर्णय ले लिया गया। इससे याचिकाकर्ता परेशान हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि वास्तव में उसकी गलती नहीं थी, जाे कुछ हुआ, वह विभागीय गलती से संबंधित था। हाई कोर्ट ने पूरा मामला समझने के बाद याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन सौंपने स्वतंत्र किया। उसके अभ्यावेदन पर तीन माह के भीतर विचार करके समुचित निर्णय लिया जाएगा।
नकली नोट मामले के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज: अदालत ने नकली नोट बनाने के आरोपित नरेश आसवानी की जमानत खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि मामले गंभीर है, ऐसे में जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। अभियोजन के अनुसार आठ जून, 2021 को हनुमानताल पुलिस ने समता कॉलोनी गोहलपुर निवासी नरेश आसवानी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपित के घर से 500, 200, 100 और 50 रुपये के 25,150 रुपये जब्त किए। पुलिस ने नकली नोट बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कलर प्रिंटर और अन्य सामग्री भी बरामद की थी। आरोपित की ओर से कहा गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। शासन की ओर से एजीपी अनिल तिवारी ने तर्क दिया कि आरोपित के खिलाफ नकली नोट बनाने का पुख्ता सबूत है। सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।