माझी मछुआ समाज ने निकाली आक्रोश रैली

0

मध्यप्रदेश में 15 नवंबर 2022 से लागू हुए पेसा एक्ट में 20 दिन बाद ही संशोधन की मांग उठने लगी है। सोमवार को बालाघाट सहित विभिन्न जिलों के माझी मछुआ समाज के लोगों ने पेसा एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर आक्रोश रैली निकाली। पेसा एक्ट से मछुवारों का रोजगार छीनने का कारण बताकर समाज के लोगों ने इसमें शीघ्र संशोधन करने अथवा पुरानी व्यवस्था लागू रखने की मांग की। आक्रोश रैली शहर के नूतन कला निकेतन में आयोजित आम सभा के बाद निकाली गई, जिसमें माझी मछुआ समन्वय समिति की बालाघाट इकाई के साथ सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, दतिया और भोपाल से भी समाज के लोग शामिल हुए। आक्रोश रैली नूतन कला निकेतन से निकलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां समाज ने अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।
वरना छिन जाएगा रोजगारः अध्यक्ष
माझी मछुआ समाज के जिला महासंघ अध्यक्ष व पार्षद मानक बर्वे ने बताया कि मप्र सरकार ने आदिवासियों को अधिकार देते हुए जो पेसा एक्ट लागू किया है, उससे हमारे मछवारों का रोजगार छिनने का खतरा है। सरपंच, पंच अपनी मनमानी करते हुए तालाबों पर गैर मछवारों को अधिकार दे देंगे। ऐसे में मछवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा जाएगा। हमारी मांग है कि पेसा एक्ट में संशोधन किया जाए या व्यवस्था को यथावत रखा जाए। श्री बर्वे ने कहा कि हमारी मांग है कि मछुवारों को आदिवासी का दर्जा दिया जाए।
निकालेंगे विशाल आक्रोश रैली
मछुआ समाज के महासंघ अध्यक्ष सहित प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्षों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर अमल नहीं करती है तो आगामी दिनों में प्रदेश स्तर पर समाज द्वारा आक्रोश रैली निकालकर आंदोलन किया जाएगा।
एक्ट लागू करने वाला मप्र 7वां राज्य
बता दें कि मप्र में पिछले महीने 15 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में पेसा एक्ट लागू किया गया था। मप्र यह कानून लागू करने वाला देश का 7वां राज्य बन गया है। इस कानून का मकसद जनजातीय समाज कोे स्वशासन प्रदान करने के साथ ग्राम सभाओं को सभी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनाना है, लेकिन मछुआ समाज ने इसे मछुवारों को रोजगार से वंचित करने वाला एक्ट बताते हुए इसमें संशोधन की मांग रखी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here