वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। नगर में स्थित दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र वारासिवनी कार्यालय से वन विभाग के द्वारा शासन के निर्देशानुसार लोगों को लकड़ी के चट्टे उचित दर में देने का कार्य किया जा रहा है। जहां पर लकड़ी के चट्टे में कम लकड़ी मिलने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जिनके द्वारा वन विभाग पर लकड़ी के चट्टे में हेर फेर करने एवं निर्धारित लकड़ी में अधिक चट्टे लगाने का आरोप लगाया जा रहा है। जिसके कारण नगर वासियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उक्त संबंध में उनके द्वारा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करने की भी बात कही जा रही है। क्योंकि उन्हें ज्यादा रुपये देकर आवश्यकता की लकड़ी खरीदनी पड़ रही है।
१२३२ रुपये में दिया जा रहा लकड़ी का चट्टा
वर्तमान में ठंड का मौसम चल रहा है ऐसे में लोगों को लकड़ी की अत्यंत आवश्यकता लगी रहती है। जिसके लिये नगर के लोग दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र कार्यालय के माध्यम से चट्टे की खरीदी कर रहे है। जिसका मूल्य इस वर्ष १२३२ रुपये प्रति चट्टे रखा गया है जहां पर लगातार लोगों के द्वारा पहुंचकर लकड़ी के चट्टे खरीदी किया जा रहा है । ऐसे में नगर के वार्ड नंबर १२ और १३ के कुछ नगर वासियों के द्वारा उक्त चट्टे खरीदी किए गए। जिनके द्वारा मजबूरी में चट्टे तो खरीद लिए गए परंतु उनके द्वारा विभाग पर चट्टे में कम लकड़ी लगाने और अत्यधिक चट्टे लगाने का आरोप लगाया जा रहा है। वर्तमान में यह लकड़ी लोगों के द्वारा पानी गर्म करने या खाना बनाने के लिए जरूरत होती है। इसे शासन के द्वारा गरीब लोगों को उचित मूल्य में लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए संचालित किया जा रहा ह,ै परंतु लोगों को लकड़ी कम मिलने से उनमें आक्रोश व्याप्त है।
वन विभाग की लापरवाही से जनता परेशान है-मनोज दांदरे
नपाध्यक्ष प्रतिनिधि मनोज दांदरे ने पदमेंश से चर्चा में बताया कि वन विभाग में जो चट्टे दे रहे हैं उसमें लोगों से सूचना मिली है कि यहां पर १० चट्टे के १५ चट्टे बनाए जा रहे है। एक चट्टे में दो से तीन क्विंटल लकड़ी आ रही है जबकि हर वर्ष शासन की योजना अंतर्गत चट्टे वितरण किया जाता है। परंतु इसमें धांधली कर भयंकर अनियमित की जा रही है। आम जनता को इसकी सुविधा ठीक से नहीं मिल पा रही है । इस विषय में हमारे द्वारा रेंजर व वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और विषय को आगे तक हम उठाएंगे। मेरा मानना है कि जिस मीटर और ऊंचाई में लोगों को चट्टे मिलन चाहिए ताकि आम जनता को सस्ते मूल्य में लकड़ी प्राप्त हो सके । अभी ठंड का मौसम चल रहा है गरीब तबका ठंड के समय यह लकड़ी खरीदते है । कहीं ना कहीं बाजार मूल्य से सस्ता वन मंडल द्वारा देने का काम करते हैं इसलिए लोग यहां जाते है। परंतु कम लकड़ी मिलने से लोग परेशान हैं वन विभाग की यह बहुत बड़ी लापरवाही है जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।
जितनी लकड़ी हमें मिलनी थी उतनी नहीं मिल पाई है-संजय बाहेश्वर
वार्डवासी संजय बाहेश्वर ने बताया कि वन विभाग से हमने लकड़ी खरीद कर लाई है किंतु जितनी लकड़ी हमें मिलनी थी उतनी नहीं मिल पाई है। चट्टा जो लगाया गया था वह बहुत छोटा लग रहा था पहले ४ से ५ क्विंटल लकड़ी आती थी परंतु अब नहीं आई है। मेरे द्वारा चार चट्टे ले गए हैं इसमें लकड़ी कम है पिछली बार तीन चट्टे में इससे ज्यादा लकड़ी आई थी। यह हमें वर्ष भर चलती है किंतु ४ चट्टे लेने पर भी बहुत कम लकड़ी मिली है । एक चट्टे में करीब ३ क्विंटल भी नहीं है यह समस्या हमारे लिए है कि हमें ज्यादा रुपये देना पड़ा। दो से चार बार वहां पर उपस्थित कर्मचारियों को बोला गया। परंतु उसके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया हम यही चाहते हैं की चट्टे बराबर लगायें।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा मे बताया की हमारे द्वारा चट्टे शासन के नियम अनुसार लगाया जा रहा है जिसमें दो मीटर लंबा ८० सेंटीमीटर ऊंचा चट्टे होना चाहिए। इसमें करीब २ घन मीटर लकड़ी आती है वजन की हमें जानकारी नहीं है। क्योंकि वजन से हम देते नहीं है कभी गली और कभी सुखी लकडिय़ां रहती है। जिससे वजन कम ज्यादा होता है हमारे द्वारा १२३२ रुपये प्रति चट्टे विक्रय किया जा रहा है।