जिला अस्पताल में शुक्रवार को समय पर ब्लड ना मिलने से थाना किरनापुर ग्राम परसवाडा निवासी 16 वर्षीय रीतू पिता रामभरोस बोरिकर की मौत हो गई। जिस पर उनके परिजनों ने अस्पताल परिसर में युवती का शव रख जमकर हंगामा मचाया। जहां उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ब्लड बैंक के जिम्मेदारों को उनकी बेटी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
बात अगर नियम की करे तो नियम के अनुसार सड़क दुर्घटना वाले मरीज, सिकलसेल के मरीज,और गर्भवती महिलाएं सहित अन्य इमरजेंसी केस वाले मरीजों को ब्लडबैंक से निशुल्क, तुरंत रक्त देकर मरीज की जान बचाने का नियम है लेकिन जिला अस्पताल के जिम्मेदारों को इसकी भी परवाह नहीं है जो सिकलसेल के एक मरीज के पिता को ब्लड देने से सिर्फ इसीलिए इंकार करते रहे कि उस बेबस पिता के पास कोई ब्लड डोनर नहीं था जबकि ब्लड बैंक में ओ पॉजिटिव ग्रुप का पहले से ही ब्लड मौजूद था बावजूद इसके भी उन्होंने बिना डोनर के ओ पॉजिटिव ग्रुप का रक्त देने से मना कर दिया जिसके चलते नाबालिक युवती की मौत हो गई।
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला अस्पताल के आरएमओ अरुण लांजेवार ने नियम की जानकारी देते हुए मामले की जांच कराए जाने की बात कही है।