शहर में चर्चा का विषय बना नपा में लगा नजर बट्टू, टोने-टोटके का सहारा ले रहे नपा के जिम्मेदार,
बीते कुछ दिनों से नगर पालिका में कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है और यहां बैठे जिम्मेदारों के द्वारा की गई हेर फेर की परत दर परत अब खुल कर सबके सामने आने लगी है जिसे नगर पालिका में बैठे जिम्मेदार इसे नगर पालिका को नजर लगना समझ रहे हैं और अंधविश्वास के तहत नगर पालिका कार्यालय के भवन के बीचो-बीच नगर पालिका के जिम्मेदारों ने एक नजर बट्टू बांध दिया है जिसकी चर्चा इन दिनों शहर में काफी तेज चल रही है, जिसे लेकर विपक्ष सोमवार को विरोध प्रदर्शन भी करने वाला है
आपको बता दे की बुरी नजर लगना जहां आजकल इसे अधिकांश लोग विश्वास नही करते है जबकि कई लोग इसे अंधविश्वास भी बताते है, प्राचीन काल से हमारे समाज में कई तरह की धारणाएं और क्रियाएं चली आ रही है, नींबू-मिर्च लटकाना और काला टीका लगाना, यह आज भी लोग किया करते है, इसी का अत्याधुनिक स्वरूप कहे तो कोई हर्ज नहीं होगी, जिसमें राक्षस का मुखौटा घर के बाहर आपने देखा होगा, कहा जाता है कि यह बुरी नजर से बचाता है और बुरी भावनाओं को निष्क्रिय करता है, घरों एवं विशेष स्थान के लिये यह प्रयोग तो ठीक है किंतु, आपने पहले कभी नहीं सुना होगा कि किसी सरकारी दफ्तर के बाहर नजर बट्टू लगाया गया हो और वह भी बुरी नजर से बचाने के लिये इस टोने-टोटके का सहारा लेना पड़ा हो, किंतु यह सब बालाघाट नगर पालिका परिषद कार्यालय के बाहर लगाया गया है जिसे जिसने भी देखा तो आश्चर्य के साथ ही तरह-तरह की चर्चाओं का दौर भी प्रारंभ हो गया है ।
किसने लगाया नगरपालिका में नजर बट्टू ?
दरअसल, बालाघाट नगर पालिका परिषद कार्यालय के ठीक सामने दीवार पर 28 जून की सुबह यहां पहुंचने वाले कार्यालयीन कर्मचारी, विभागों के अधिकारी एवं पार्षदों ने अजीब सी चीज देखी। यह कुछ और नहीं बल्कि राक्षस का मुखौटा जिसे आम बोलचाल की भाषा में नजरबट्टू कहते है, इसे देखते हुए तरह-तरह की चर्चाएं चलने लगी की इसे किसने और क्यों लगाया है कोई बता नहीं पाया की किसने लगाया है । तर्क यह भी था कि सरकारी कार्यालय के बाहर इस प्रकार नजरबट्टू का लगाया जाना उचित नहीं है। जबकि कई लोग इसे बुरी नजर के प्रभाव से बचाने वाला यंत्र बताते रहे लेकिन कोई भी इसके लगाने के कारणों एवं लगाने वाली की मंशा को उजागर नहीं कर पाया।
नगरपालिका को आखिर किसकी लगी नजर ?
कुछ लोगों का कहना यह भी आया कि नगरपालिका को आखिर किसकी नजर लग गई है जिससे बचाव के लिये यह प्रयोग किया गया है, जबकि कई लोग इसे अंधविश्वास भी कहते रहे। तरह-तरह की चर्चाओं के बीच इस टोने-टोटके का सहारा लिये जाने को लेकर ठहाके भी लगते रहे, जिसमें विपक्षी पार्षद भी नजरबट्टू को लेकर सत्तासीन दल के मजे लेते रहे। चाहे जो भी हो लेकिन नजरबट्टू लगाये जाने के बाद से नगरपालिका परिषद में नई तरह की बहस उत्पन्न हो गई है, जिसमें कोई सत्तासीन दल के लिये अविश्वास का भय बता रहा है तो कोई नगर में व्याप्त समस्याओं को जोड़कर कुछ और कह रहा है। आखिर यह नजरबट्टू क्यों और किसने लगाया है कौन सी अदृश्य शक्तियां है जो इस सरकारी कार्यालय को घेरे हुये है या फिर तो परिषद के कार्यो को लेकर विपक्ष ही आये दिन सत्ताधारी दल को कटघरे में खड़ा करता रहता है, मजाकियां तौर पर ही सही लेकिन यह कहा जा सकता है कि कहीं विपक्ष की नजरों से बचने तो नगरपालिका कार्यालय में नहीं है यह नजर बट्टू ।
बीते कुछ दिनों से विपक्ष के द्वारा नगर पालिका में बैठे सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदारों की हेर फेर को लगातार मीडिया के माध्यम से उठाया जा रहा है और सत्ता पक्ष के भी कुछ पार्षद और पार्षद प्रतिनिधि इतने परेशान हो गए हैं कि वह भी अब नगर पालिका में ताला लगाने से नहीं चूक रहे हैं और लगातार नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों की मुश्किलें बढ़ते जा रही है , जिसे वह अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे हैं, ऐसी भी चर्चा नगर पालिका में चल रही है की लगातार जिम्मेदारों की बढ़ती मुसीबत को देखकर नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों द्वारा अब टोने टोटके का सहारा लिया जा रहा है
विपक्ष करेगा नजर बट्टू का विरोध –
कुछ विपक्ष के पार्षदों द्वारा अनौपचारिक चर्चा में बताया गया कि जिस प्रकार से नगर पालिका में बैठे जिम्मेदारों द्वारा नगर पालिका भवन के बीचो-बीच जो नजर बट्टू बांधा गया है और जो टोने टोटके का सहारा लिया जा रहा है जिसे नगर पालिका में काम करने वाले कर्मचारी भयभीत हो रहे हैं और उन्हें इस प्रकार के बंधे नजर बट्टू से कहीं ना कहीं डर लगने लगा है और इन्हीं सब वस्तु स्थिति को देखते हुए विपक्ष के पार्षद सोमवार को नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी से इस विषय को लेकर मिलेंगे और उसे भवन से तत्काल हटवाएंगे , जबकि यह कार्य यहां बैठे जिम्मेदारों का है कि वह इस प्रकार के अंधविश्वास को नगर पालिका में बढ़ावा ना दे, लेकिन कुछ लोग का मानना है कि स्वयं जिम्मेदार ही अंधविश्वास को मान रहे हैं, तो ऐसे में कौन इसे यहां से हटाएगा ,जिस पर अब इसको हटाने की पहल विपक्ष के पार्षदों द्वारा की जाएगी