नगर के वार्ड नंबर 9 अयोध्या बस्ती स्थित बोडी तालाब के किनारे किए गए अतिक्रमण को तोड़ने नगर पालिका अमला दल बल के साथ मौके पर पहुंचा और पुलिस बल की कमी के कारण करीब 2 घंटे बाद वापस लौट गया। इस दौरान अमले के द्वारा जेसीबी से केवल एक मकान का प्लिंथ वह भी आधा तोड़ा गया। जिसके बाद वार्डवासी उक्त स्थान पर त्रिपाल लगाकर धरने पर बैठ कर नगर पालिका से सभी का अतिक्रमण तोड़ने और तोड़े गए अतिक्रमण की आर्थिक लागत उपलब्ध कराने के लिए मांग करते रहे है।
यह है मामला
वार्ड नंबर 9 अयोध्या बस्ती बोडी तालाब के पास पूर्व में नगर पालिका के द्वारा भूमि सुरक्षित करने के लिए वृक्षारोपण कर फेंसिंग की गई थी। जहां पर फेंसिंग लोगों के घरों के पीछे सही सलामत है किंतु सामने की पूरी तरह टूट चुकी है जहां पर नगर के ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए कहीं स्थान नहीं है उनके द्वारा मकान का निर्माण किया गया है या निर्माणाधीन मकान है। जो शासकीय भूमि है उससे अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नगर पालिका आमला शनिवार को सुबह करीब 11:00 बजे मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही प्रारंभ की जिसमें अतिक्रमण हटाने का कार्य रोड के अंदर वाले भाग मैं बनी सोनू कनौजिया के निर्माणाधीन मकान जहां पर प्लिंथ में कालम और बीम खड़े किए गए थे उसे तोड़ने की शुरुआत की गई। जिसमें उसे आधा तोड़ने के पश्चात उक्त स्थान पर निवासरत लोगों का आक्रोश फूट पड़ा जो जेसीबी के सामने जाकर बैठ गये। इस दौरान पर्याप्त रूप में पुलिस बल उपलब्ध ना होने के कारण मुख्य नगरपालिका अधिकारी वारासिवनी दिशा डेहरिया के द्वारा अतिक्रमणकारियों को निर्देशित किया गया कि वह 1 दिन में अपना सारा अतिक्रमण हटा ले वरना 8 जनवरी की सुबह पूरा अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा जिसमें होने वाली हानि के जिम्मेदारी वे स्वयं होंगे। इसके बाद पूरा नगरपालिका हमला वापस हो गया।
बिना नोटिस के नगरपालिका कर रही कार्यवाही
अतिक्रमणकारियों ने नगरपालिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की कार्यवाही को लेकर नगर पालिका के द्वारा नोटिस जारी किया जाता है उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया और एकाएक यह कार्यवाही की गई है जो उचित नहीं है। इसके पहले उन्हें नोटिस जारी करना था वही हमारा आशियाना कहीं भी नहीं है ऐसे में हमारे द्वारा अपनी जमा पूंजी से यह आशियाना तैयार किया गया था जिसे तोड़कर नगर पालिका के द्वारा हमारे ऊपर अत्याचार किया जा रहा है।
बिना पूर्व तैयारी के आनन-फानन में की गई कार्यवाही
नगर पालिका के द्वारा अतिक्रमण हटाने की जो कार्यवाही की गई है यह पूरी तरह से आनन-फानन में बिना पूर्व तैयारी के की जाने वाली कार्यवाही प्रतीत हो रही है। यद्यपि ऐसा था तो नगर पालिका के द्वारा पुलिस को पूर्व में पत्राचार कर पुलिस बल की उपलब्धता कराने के लिए निवेदन किया जाना था। परंतु इस प्रकार की किसी रूप से कार्यवाही ना करते हुए नगर पालिका अमला मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया जिसमें विरोध के दौरान उन्हें याद आया कि पुलिस की उपलब्धता जरूरी है। जिस पर थाने में फोन कर तत्काल पुलिस सहायता मांगी गई जिस पर 5 से 6 महिला पुरुष पुलिस बल थाने के द्वारा उपलब्ध कराया गया परंतु वह भी अपर्याप्त साबित हुआ जिसके कारण नगर पालिका हमले को वापस लौटना पड़ा।
वार्ड वासियों का धरना जारी
नगर पालिका हमले के द्वारा सोनू कनौजिया के निर्माण को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की कार्यवाही की गई थी जिसे आधा तोड़कर वह वापस आने लगे। जिसके बाद उक्त स्थान पर वार्ड वासियों के द्वारा त्रिपाल लगाकर धरना दिया गया है। जिनके द्वारा शासन प्रशासन से मांग की जा रही है कि उनका अतिक्रमण ना हटाया जाये यदि हटाया जाता है तो उनके होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई की जाये साथ में सभी का अतिक्रमण हटाया जाये।