अतिक्रमण में टूटे मकान के वासी खुले आसमान में बीता रहे रात

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हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर वार्ड नं.१ में हुई अतिक्रमण कार्यवाही के बाद आज भी लोग अपने टूटे मकान व प्रतिष्ठानों से ही अपना काम धंधा कर रहे है। जो लोग खुले आसमान के नीचे रहते है वे सर्दी की इन सर्दे रातों में अपनी राते काट रहे है। जिनका साफतौर पर कहना है की उन्हे इन स्थानों पर प्रशासन निर्धारित जगह देकर हमें भी पुन: अपना झोपड़ा बनाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करे। हालांकि अभी प्रशासन के पास ऐसा कोई आदेश नही आया है जिसकी वजह से जिनका अतिक्रमण टूटा है उन्हे पट्टा फिलहाल मिल सके।

हमे मिले मुआवजा व जमीन का पट्टा – प्रिंसी

पद्मेश को जानकारी देते हुये बीते २० वर्ष से रह रही कुमारी प्रिंसी कोल्ते ने पद्मेश को बताया की वे पाल व त्रिपाल बांधकर रह रहे है। बीते एक सप्ताह पूर्व हमारे कच्चे घर को तोड़ा गया है यह कार्यवाही प्रशासन ने की है। अब हम लोग खुले में खाना बनाते है और त्रिपाल के नीचे सोकर अपनी नींद मिटा रहे है। ठंडी का मौसम है हम लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते है। ऐसे में जब ठंड बढ़ती है तो हम लोग इस त्रिपाल को ही ओढ़ लेते है। ऐसे में प्रशासन को हमारी तरफ ध्यान देना चाहिये।

मेरी रजिस्ट्री वाली दुकान पर भी जला बुलडोजर – समद

वही समद खान ने पद्मेश को बताया की मेरी दुकान तो रजिस्ट्री वाली दुकान है। फिर भी प्रशासन ने अपना बुलडोजर चलाकर उसे तोड़ दिया है। गरीब आदमी हूॅ दुकान में छोटी सी नास्ते की होटल चलाता हूॅ। उसके बाद भी प्रशासन ने मेरी दुकान को तोड़ दिया है। जबकि इस दुकान में करीब २२ से २५ वर्ष पहले से व्यवसाय कर रहा हूॅ। ऐसे में प्रशासन को हम गरीबों के लिये कुछ न कुछ करना चाहिये।

११ अतिक्रमणकारियों के टूटे थे मकान व दुकान

गौरतलब है की बीते सप्ताह हाईकोर्ट के दिशा निर्देश पर प्रशासन ने अपना बुलडोजर वार्ड नं.११ के कुछ मकान व दुकानों पर चलाया था। अब यही प्रभावित लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे है की उन्हे मुआवजा के साथ पक्का पट्टा प्रदान किया जाये।

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