प्रदेश में अति गंभीर अपराधों को रोकने के लिए आजीवन कारावास की सजा में कड़े प्रविधान किए गए हैं। नए प्रावधान के मुताबिक, अबदुष्कर्म, आतंकी गतिविधियां, दो हत्या करने वाले, जहरीली शराब बेचने वाले और विदेशी मुद्रा से जुड़े अपराध में सजा पाने वाले कैदियों को पूरा जीवन जेल में ही गुजारना पड़ेगा। 15 अगस्त और 26 जनवरी को भी वे बाहर नहीं आ पाएंगे। जेल विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। अभी आजीवन कारावास को लेकर 2012 की नीति लागू थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव (गृह एवं जेल) डा. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में इस संबंध में नए सिरे से नीति बनाने के लिए समिति बनाई गई थी। समिति ने उप्र, महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन कर नई नीति बनाई है। आंतकवादी गतिविधियों में दोषी, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) एक्ट के तहत दोषी, दुष्कर्मी, जहरीली शराब बेचने वाले, मादक पदार्थों का निर्माण, भंडारण और परिवहन करने वाले, जिनकी सजा के विरुद्ध अपील न्यायालय में लंबित हो, जिसने केंद्र सरकार की संपत्ति का नाश किया हो आदि। इन बंदियों के अलावा आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे 70 वर्ष की अधिक आयु के कैदी, जिन्होंने छुट्टी सहित 12 वर्ष की सजा काट ली हो और 60 वर्ष से अधिक आयु की महिला कैदी, जिन्होंने छुट्टी सहित 10 वर्ष की सजा काट ली हो, वह रिहाई के पात्र होंगे। अति गंभीर छोड़ अन्य श्रेणी के अपराधों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों की भी जेल से रिहाई तीन स्तर पर परीक्षण के बाद की जाएगी। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी समिति बंदी के मामले में पूरा परीक्षण कर सिफारिश महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं को भेजेंगी। यहां परीक्षण के बाद रिहाई से 15 दिन पहले राय के साथ शासन को सिफारिश भेजी जाएगी। इन्हीं सिफारिशों के आधार पर रिहाई की जाएगी। अभी प्रदेश में सिर्फ दो दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों की रिहाई की जाती है। अब अति गंभीर अपराधों (पोक्सो एक्ट, दुष्कर्मी, आतंकी आदि 14 श्रेणी) को छोड़कर बाकी को इन दो दिन के अलावा 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती और दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन भी छुट्टी मिलेगी।