सरकारी गैस कंपनी गेल (GAIL) इंडिया लिमिटेड ने बंटवारे के प्रस्ताव को खत्म कर दिया है। इसके स्थान पर कंपनी अब InvIT के जरिए पाइपलाइन की बिक्री कर पैसा जुटाएगी। GAIL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन ने बुधवार को यह जानकारी दी। जैन ने बताया कि दो पाइपलाइन की बिक्री कर पैसा जुटाने और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के गठन का प्रस्ताव पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मंत्रालय को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही चालू वित्त वर्ष में InvIT के गठन की संभावना है।
देश की सबसे बड़ी नेचुरल गैस ट्रेडिंग फर्म है GAIL
GAIL देश की सबसे बड़ी नेचुरल गैस मार्केटिंग और ट्रेडिंग फर्म है। देश के कुल 17,126 किलोमीटर लंबे गैस पाइपलाइन नेटवर्क में GAIL की करीब तीन-चौथाई हिस्सेदारी है। यही GAIL को मार्केट में मजबूत बनाती है। पिछले साल GAIL के पाइपलाइन कारोबार को अलग कर एक नई एंटिटी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। जैन ने कहा कि अब इस संबंध में कोई प्रस्ताव पेंडिंग नहीं है। एक सवाल के जवाब में जैन ने कहा कि हम अभी InvIT के जरिए पैसा जुटाएंगे। दो पाइपलाइन की हिस्सेदारी बिक्री के लिए InvIT बनाने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेज दिया है। इसे मंजूरी मिलने के बाद हम पैसा जुटाने की योजना पर काम शुरू कर देंगे।
एक साथ नहीं बेचा जाएगा पूरा पाइपलाइन कारोबार
एक अन्य सवाल के जवाब में जैन ने कहा कि हम पूरे पाइपलाइन कारोबार को एक साथ नहीं बेचेंगे। इसके बजाए एक-एक करके पाइपलाइन की हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि GAIL अपनी कुछ पाइपलाइंस का बड़ा हिस्सा InvIT के जरिए बेचकर पैसा जुटाएगा। योजना के मुताबिक, पाइपलाइंस को InvIT में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद यूनिट्स निवेशकों को बेची जा सकेंगी। इसके अलावा स्टॉक एक्सचेंज में भी ट्रेड की जा सकेगी। इस तरीके से GAIL बिक्री की तरह पैसा जुटा सकेगी और इसको कैपिटल एक्सपेंडेचर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इन दो पाइपलाइंस की सबसे पहले बिक्री
इसकी शुरुआत के लिए GAIL दाहेज-उरन-पनवेल-दाभोल और दाभोल-बेंगलुरु पाइपलाइन की बिक्री की योजना बना रही है। InvIT एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, जो संभावित इंडिविजुअल और इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को छोटी राशि भी निवेश करने की सुविधा प्रदान करता है। InvIT के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया जाता है जिससे इन्वेस्टर्स को उनकी आय के छोटे हिस्से पर रिटर्न के रूप में कमाई होती है। उन्होंने कहा कि दाहेज से दाभोल और दाभोल से बेंगलुरु पाइपलाइन में GAIL अपनी बड़ी हिस्सेदारी बरकरार रखेगी। शुरुआत में InvIT के जरिए 10-20% हिस्सेदारी बेची जा सकती है।
चालू वित्त वर्ष में हो सकता है InvIT का गठन
जैन ने कहा कि मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। कैबिनेट से समय पर अनुमति मिलती है तो InvIT का गठन चालू वित्त वर्ष में किया जा सकता है। इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि GAIL के पास बड़ा पाइपलाइन नेटवर्क है। इसी कारण कंपनी ने GAIL के बंटवारे के प्रस्ताव को खत्म किया है। सूत्रों के मुताबिक, एक सब्सिडियरी उस सस्ते रेट पर फंड नहीं जुटा सकती है, जिस रेट पर GAIL को फंड मिल सकता है। GAIL इंडिया में सरकार की 54.89% हिस्सेदारी है।