गर्मी का दौर बढ़ चुका है मई की गर्मी प्रारंभ हो चुकी है किंतु स्थानीय प्रशासन के द्वारा अभी तक सार्वजनिक प्याऊ खोलकर पानी वितरण की व्यवस्था नहीं की गई है जिसके कारण लोगो के कंठ अब सूखने लगे है वह पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहे है। मगर पानी की कमी के चलते अब लोगों द्वारा नगर पालिका परिषद से यह गुहार लगाई जा रही है कि नगर के प्रमुख चौक व सार्वजनिक स्थलों पर प्यासे कंठ को तर करने पानी प्याऊ खोले जाये। जबकि जिले के बाद अगर कोई मुख्यालय सबसे बड़ा है तो वो वारासिवनी है। ऐसे में लोगो की काफी आवाजाही रहती है जो वर्तमान गर्मी के समय में पानी के लिये मोहताज दिखाई दे रहे है। जबकि वर्तमान समय में 41 डिग्री सेल्सियस का तापमान चारों तरफ बना हुआ है लोग घर से निकलने में कतरा रहे हैं सूर्य देव के तापमान के कारण शरीर में जलन अभी होने लगी है ऐसे में हर कोई सार्वजनिक प्याऊ नगर पालिका से लगाने की मांग कर रहा है।
नगर में क्षेत्र से पहुंचे ग्रामीण परेशान
बालाघाट के बाद दूसरा सबसे बड़ा मुख्यालय वारासिवनी बना हुआ है जहां पर प्रतिदिन ग्रामीण अपनी जरूरत के लिए आना जाना करते हैं। ऐसे में वह 5 से 25 किलोमीटर तक की दूरी तय कर साइकिल मोटरसाइकिल के माध्यम से वारासिवनी आते हैं जहां वह अपनी जरूरत के कार्य करते हैं। परंतु इस दौरान भीषण गर्मी के कारण उन्हें पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ता है क्योंकि आसानी से चौक चौराहा पर पीने के पानी की उपलब्धता नहीं है जिस कारण से वह इधर-उधर भटक कर होटल या दुकान मैं पानी ढूंढते रहते हैं। इस परिस्थिति में उन दुकानदारों की भी अपनी व्यवस्था होती है जिससे वह कभी-कभी पानी पीने से इनकार भी लोगों को कर देते हैं। वही नगर वासियों को भी परेशानी हो रही है जिसमें सभी के द्वारा नगर पालिका से प्याऊ खोलने की मांग की जा रही है।
41 डिग्री तापमान में सड़कें सुनसान
गैरतलब है कि मई की गर्मी प्रारंभ हो गई है सूर्य देव का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है इसके कारण पूरे नगर में उम्मस भारी गर्मी के साथ चिल्लाती धूप लोगों को तेज गर्मी का एहसास करवा रही है। जो मई में न्यूनतम 24 और अधिकतम 41 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है। इस दौरान मानो सूर्य देव आसमान से आग बरसा रहे हैं जिससे आम जन जीवन पूरी तरह हलाकांत हो चुका है। दोपहर में 1:00 बजे के बाद सड़के भी सुनसान होने लगी है इस दौरान अति आवश्यक कार्य वाले लोग ही आवागमन करते नजर आ रहे हैं तो वही यह गर्मी लोगों के पसीने भी छुड़ा रही है। ऐसे में हर कोई कूलर पंखे या ठंडा पानी की खोज करता हुआ नजर आ रहा है। तो वही यह गर्मी कुछ लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर डाल रही है।
नगरवासी हरि क्षीरसागर ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि शहर में नगर पालिका के द्वारा प्याऊ की व्यवस्था कहीं भी नहीं दिख रही है जबकि ग्रामीण क्षेत्र से किसान मजदूर व्यापारी और नागरिक रोजाना मुख्यालय में अपने कार्यों के लिए आते हैं तो वह सब परेशान हो रहे हैं की शहर में पानी पीने के लिए उन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वह होटल और दुकान में भटक रहे पानी के लिए जबकि हर वर्ष ऐसा होता था कि शहर में 5 से 7 स्थान पर नगर पालिका प्याऊ लगा देती थी उस व्यवस्था सुचारू होती थी परंतु इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। उक्त संबंध में नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों की चर्चा की गई तो उन्होंने कहा है कि 2 से 3 दिन में व्यवस्था कर देंगे जबकि व्यवस्था करने में नगर पालिका बहुत लेट हो चुकी है करीब डेढ़ महीना पहले या व्यवस्था हो जानी थी। परंतु जब जागो तब सवेरा उस बात पर अमल कर रहे हैं अभी भी यदि प्याऊ लगते हैं तो लोगों को सहूलियत ही होगी और जो उद्देश्य है लोगों को पानी पिलाना वह अभी भी पूरा होगा क्योंकि गर्मी बहुत तेज है।
मजदूर कुलदीप नागदेवे ने बताया कि हमारी समस्या गर्मी है जो बहुत ज्यादा बढ़ रही है पिछले साल जैसा प्याऊ नगर पालिका ने लगाया था वह अभी देखने नहीं मिल रहा है जिससे पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है। पानी पीने के लिए हम दुकान होटल जाते हैं तो लोग हमें पानी पीने से मना कर देते हैं क्योंकि वह भी अपनी सुविधा देखते हैं ऐसे में सार्वजनिक प्याऊ होना बहुत जरूरी है। अभी गर्मी में गला सूखने लगा है यदि नगर पालिका ठंडे पानी के प्याऊ लगा देती है तो बहुत अच्छा होगा जबकि यह तो मार्च में खोलना था मई आ गया है परंतु अभी तक नहीं खुला है। जबकि यह मुख्यालय है जहां रोजाना हजारों लोग क्षेत्र से आते हैं ऐसे में हर कोई परेशान हो रहा है।
मजदूर अमृत तरारे ने बताया कि हम वार्ड नंबर एक के रहने वाले हैं मजदूरी का काम करते हैं इस कटंगी चौक पर हम काम ढूंढने के लिए खड़े रहते हैं और गर्मी में पानी प्यास बहुत ज्यादा लग रही है तो पानी पीने के लिए हमें नहीं मिलता है। काम भी हमें कभी मिलता है कभी नहीं मिलता दिहाड़ी करते हैं और खाली बैठे हुए हैं अब इस दौरान हमें अगर पानी प्यास लगती है तो आसपास की दुकान या होटल में जाते हैं। जहां समझदार दुकानदार हमें पानी पीने देते हैं बाकी लोग हमें मना कर देते हैं कहते हैं कि हमने अपने लिए ठंडा पानी लाया है ऐसी स्थिति में हमें परेशानी झेलनी पड़ती है। जबकि पानी की व्यवस्था होनी चाहिए वर्तमान में लोग अपनी छतों पर पशु पक्षी के लिए पानी रखने लगे हैं परंतु नगर में मनुष्य के लिए पानी नहीं दिख रहा है यदि ठंडा पानी हमें मिलता है तो ठीक है क्योंकि क्षेत्र से लोग आते हैं तो उन्हें भी सूखे कंठ को गिला करने के लिए पानी मिल पाएगा।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि बीते दो से तीन दिन में तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया है जिसको लेकर नगर पालिका के संबंधित अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है जिनके द्वारा 5 मई से प्याऊ खोल कर पानी वितरण कार्य प्रारंभ करवा दिया जाएगा।