अमेरिका में आर्थिक मंदी से मनोरोगियों की संख्या बढ़ी

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अमेरिका में आर्थिक तंगी के कारण मानसिक रूप से बीमारों की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है। आर्थिक रूप से परेशान अमेरिकी नागरिक अपनी आय और खर्च के बीच में संतुलन नहीं बना पा रहे हैं। जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग मनोरोगी बनकर गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
कोरोना महामारी तथा बेरोजगारी के चलते अमेरिकी नागरिकों ने बड़े पैमाने पर कर्ज लिया था। आर्थिक मंदी के चलते लोन भी चुका नहीं पा रहे हैं। वही आवश्यक खर्चे भी पूरे नहीं हो रहे हैं।
अमेरिका में मनोरोगियों की बढ़ती संख्या के कारण डॉक्टरों ने अपनी फीस बढ़ा दी है एक मुलाकात के लिए 8 से लेकर 60 हजार तक भारतीय मुद्रा में वसूल किए जा रहे हैं।
कंसास स्टेट यूनिवर्सिटी में फाइनेंसियल थेरेपी की प्रोफेसर मेगन मेकाय का कहना है कि वित्तीय सलाहकारों और डॉक्टरों के बीच कोई समन्वय नहीं होने से स्थिति विकराल रूप धारण कर रही है। अस्पताल में भर्ती उन मरीजों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। जिनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। शादी,तलाक रिटायरमेंट, नौकरी इत्यादि की परेशानी से अमेरिका के मरी काफी बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं।

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