कोरोना वायरस विश्व की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा रही है। इस जानलेवा महामारी को दुनिया से खत्म करने के लिए 157 अरब डॉलर (11.62 लाख करोड़) रकम खर्च करने होंगे। वहीं लगातार टीकाकरण अभियान किया गया तो साल 2025 में यह कार्य पूरा होगा। इसके साथ ही हर दो साल में बूस्टर शॉट लगाए जाएंगे। यह बात अमेरिका की हेल्थ डाटा से संबंधिक एक कंपनी की रिपोर्ट में सामने आई है।
दुनिया की लगभग 70 फीसद आबादी कवर होगी
दरअसल आइक्यू आइए होल्डिंग्स इंक नाम की यह कंपनी हेल्थ क्षेत्र को विश्लेषणात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराती है। जिससे उन्हें भविष्य की रूपरेखा बनाने में मदद मिल सके। इसी रिपोर्ट के आधार पर फॉर्म कंपनियां दवाओं के लिए रिसर्च और उत्पादन तैयारी करती है। कंपनी का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के पहले चरण में दुनिया की लगभग 70 फीसद आबादी कवर हो पाएगी।
बूस्टर डोज एक साल के अंदर दिए जाने की जरूरत
टीकाकरण का पहला स्टेज साल 2022 के अंत तक पूरा हो सकता है। बूस्टर शॉट वैक्सीनेशन का कोर्स पूरा होने के 9 से 12 महीने अंदर लगाई जाए। इस बात के संकेत बीते दिनों व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने दिए थे। यूएस में सबसे पहले वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर इंक ने भी बूस्टर डोज एक साल के अंदर दिए जाने की जरूरत बताई है।
खर्च अभी तक किसी भी वैक्सीनेशन अभियान से ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक टीका पर सर्वाधिक 54 अरब डॉलर (करीब चार लाख करोड़ रुपए) खर्च इस साल होने का अनुमान है। दुनिया के सभी देशों में चालू वर्ष में टीकारण अभियान शुरू होगा। धीरे-धीरे यह खर्च कम होगा। साल 2025 में खर्च घटकर 11 अरब डॉलर (करीब 85 हजार करोड़) होने का अनुमान है। यह खर्च अभी तक किसी भी वैक्सीनेशन अभियान से ज्यादा होगा।