कोलंबो: श्रीलंका के विश्व विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने शिखर धवन के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को दूसरे दर्जे की टीम करार देकर कई लोगों को गुस्सा दिलाया है। बता दें कि शिखर धवन के नेतृत्व वाली भारतीय टीम इस समय श्रीलंका दौरे पर तीन वनडे और इतने ही टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज के लिए गई हुई है। जहां श्रीलंका क्रिकेट ने खुद को रणतुंगा के बयान से दूर कर रखा है, वहीं अरविंद डी सिल्वा का भी मानना है कि दौरे पर आई भारतीय टीम किसी भी तरह बी टीम नहीं है।
विराट कोहली, रोहित शर्मा, रिषभ पंत, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी आदि इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए व्यस्त हैं। भारतीय चयनकर्ताओं ने श्रीलंका दौरे के लिए 5 खिलाड़ियों को पहली बार राष्ट्रीय टीम में पहली बार शामिल किया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो देवदत्त पडिक्कल, रुतुराज गायकवाड़, चेतन सकारिया, आदि नए चेहरे जरूर है, लेकिन आईपीएल में शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलकर इन्होंने काफी अच्छा अनुभव हासिल कर रखा है।
श्रीलंका क्रिकेट की क्रिकेट समिति के चेयरमैन अरविंद डी सिल्वा ने कहा, ‘किसी भी तरह इस भारतीय टीम को दूसरे दर्जे की टीम नहीं कहा जा सकता है। भारत में काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और यह भी किसी अन्य टीम की तरह दमदार है। हमारे लिए कड़ी चुनौती होगी कि इस भारतीय टीम को मात दे सके। अगर हम भारत को मात देने में कामयाब होते हैं तो टी20 विश्व कप में काफी विश्वास के साथ खेलने जाएंगे।’
डी सिल्वा ने साथ ही सलाह दी कि कोविड-19 युग में अलग-अलग क्रिकेट दौरों पर विभिन्न खिलाड़ियों के समूह को भेजना पृथकवास दिशा-निर्देश और बबल थकान के चलते नियम बन जाएगा। पूर्व श्रीलंकाई कप्तान ने कहा, ‘बबल-लाइफ खिलाड़ियों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो चुकी है। यह मानसिक रूप से काफी हावी होता है। तो यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य टीमें भी खिलाड़ियों को रोटेट करेंगी ताकि खिलाड़ी अपने परिवार के साथ भी समय गुजार सके। मेरा मानना है कि दो टीमों को खिलाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का भविष्य हो सकता है।’
जयवर्धने को कोच बनाने की कोशिश जारी
श्रीलंका दौरे पर गई भारतीय टीम के साथ बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ को हेड कोच बनाकर भेजा है। द्रविड़ को किसी परिचय की जरूरत नहीं। डी सिल्वा की माने तो श्रीलंका क्रिकेट कोशिश कर रहा है कि महेला जयवर्धने को अंडर-19 टीम का कोच बनाया जाए, जैसा कि बीसीसीआई ने द्रविड़ के साथ किया था। उन्होंने कहा, ‘द्रविड़ ने खिलाड़ियों में ज्ञान और रणनीति भरी। इसी प्रकार हम कोशिश कर रहे हैं कि महेला जयवर्धने श्रीलंका की अंडर-19 टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी लें, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है।’