राजस्थान के बाड़मेर जिले में अज्ञात हमलावरों के एक समूह ने आरटीआई कार्यकर्ता को बेरहमी से पीटा। वह उसके पैरों को कीलों से छेद दिया। पीड़ित अमराराम जाट पर मंगलवार को उसके पैतृक गांव पारेयू में हमला किया गया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक अमराराम ने हाल ही में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित फिलहाल जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती हैं।
एक घंटे तक की मारपीट
बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) दीपक भार्गव ने कहा कि मंगलवार को कार सवार बदमाशों ने पहले अमराराम के दोनों पैरों को सरियों से तोड़ दिया। इसके बाद पैरों में लोहे की कीलें ठोक दी। वहीं सरिये को छह जगह पैर के आरपार घुसाकर मांस तक निकाल दिया। हाथ को भी तोड़ दिया। करीब एक घंटे की मारपीट के बाद गुंडे उसे वहीं छोड़कर भाग गए।
जोधपुर किया रेफर
भार्गव ने कहा, ‘गंभीर रूप से घायल अमराराम को जोधपुर रेफर कर दिया गया है।’ हम मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। राज्य मानवाधिकार आयोज के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गोपाल कृष्ण व्यास न मामले पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी, आबकारी आयुक्त, बाड़मेर कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी कर 28 दिसंबर तक हमले की रिपोर्ट मांगी है।
क्यों किया हमला?
अमराराम जाट ने प्रशासन गांवों के संग के दौरान 15 दिसंबर को कुंपलिया पंचायत के नरेगा कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी, घटिया सामग्री, आवास योजनाओं में अनियमितता के अलावा परेऊ में शराब की अवैध ब्रांच की शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने छापा मारा था।