अष्टमी पर जगह जगह हुए विभिन्न कार्यक्रम

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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।जिला मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण अंचलों में आज शनिवार को चैत्र नवरात्र अष्टमी पर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए।जहां जिले के तमाम माता मंदिरों में श्रद्धालु भक्तों द्वारा विशेष पूजा अर्चना कर माता रानी को भोग लगाया गया तो वही कन्या भोज हवन पूजन यज्ञ सहित विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। जो सुबह से देर शाम तक चलते रहे।

माता के आठवें स्वरूप महागौरी की उपासना में उमड़ा जनसैलाब
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की पूजा की गई।बताया गया कि नवरात्र में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस साल चैत्र नवरात्र पर एक भी तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्रि 8 दिनों की है। जिसके कारण 5 अप्रैल को अष्टमी मनाई गई और कन्याओं को भोज कराया गया है। जबकि कुछ घरो और मंदिरो में आज कन्याओं को भोज कराया जायेगा।

भक्तों ने चढ़ाया मनोकामनाओं का भोग
ज्ञात हो कि चैत्र नवरात्रि पर मां के नौ रूपो की आराधना और उपासना की जाती है। नवरात्र की अष्टमी को मां महागौरी का पूजन किया जाता है और भक्तो द्वारा अष्टमी को देवी मां को अष्टमी का भोग अर्पित किया जाता है। इसी कड़ी में नगर के काली मंदिर,माँ त्रिपुरा सहित अन्य माता मन्दिरो में भक्तो ने मां को अष्टमी का भोग चढ़ाया और मां से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा। धार्मिक मान्यता है कि अष्टमी तिथि पर सच्चे मन से मां महागौरी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां महागौरी को ममता की मूरत भी कहा जाता है।

जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के किए गए आयोजन
अष्टमी को नगर के देवी मंदिरो में हवन-पूजन किया गया और भंडारे के रूप में देवीभक्तों को महाप्रसाद का वितरण किया गया। नगर के कालीपाठ मंदिर, त्रिपुर सुंदरी मंदिर, मा काली मंदिर सहित अन्य मंदिरो में अष्टमी तिथि को हवन-पूजन किया गया।
मुख्यालय सहित पूरे जिले के देवी मंदिरो में नवरात्र की अष्टमी पर पूरी श्रद्वा, आस्था और विश्वास के साथ देवी मां को अष्टमी का भोग चढ़ाया गया।

नवरात्र में अष्टमी का विशेष महत्व है- प्रीति
काली मंदिर में मां को अष्टमी का भोग अर्पित करने पहुंची महिला प्रिती गुप्ता ने बताया कि नवरात्र में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन मातारानी के प्रसाद के रूप में हलवा, पुड़ी, बताशा, पान चढ़ाकर, भोग लगाकर, मातारानी से मनोकामना करते है और मां से आशीर्वाद मांगते है कि सबकी मनोकामना पूर्ण करें।

आज ज्योति कलश का विधि विधान के साथ होगा विसर्जन
चैत्र नवरात्रि के समापन पर आज रामनवमी पर मंदिरो में रखे गये मनोकामना ज्योति कलश का विधि विधान से विसर्जन किया जायेगा। जिसके साथ ही चैत्र नवरात्र का समापन हो जायेगा। चैत्र नवरात्र पर मुख्यालय सहित पूरे जिले के देवी मंदिरो में नवरात्र का पर्व पूरी श्रद्वा, आस्था और विश्वास के साथ मनाया गया और देवी मां के नौ रूपो की आराधना और उपासना की गई। इस दौरान मंदिरो में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किये गये। वहीं घरो में भी रखे गये मनोकामना ज्योति कलश और ज्वारे का 08 दिनों तक विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद आज रविवार को ज्योति कलश और ज्वारे का विसर्जन किया जायेगा।

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