आंखें की रोशनी कमजोर होने के कारण उसे सेना में भर्ती होने के लिए अनफिट घोषित कर दिया गया था। बाद में जांच का एक और मौका दिया गया था। शातिर अभ्यर्थी ने आंखों की जांच कराने के लिए रजिस्ट्रेशन तो खुद कराया, लेकिन अपने स्थान पर आंखों की जांच के दोस्त को भेज दिया। सेना ने फर्जी तौर पर शामिल हुए युवक को हिरासत में लेकर पुलिस को सौंप दिया। बैरागढ़ थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश निवासी दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक थ्री ईएमई सेंटर के अधिकारियों ने शनिवार शाम को लिखित शिकायत की थी। उसमें बताया कि सेना में महार रेजीमेंट सागर में भर्ती के दौरान चयनित हुए अभ्यर्थियों में कुछ चिकित्सा जांच में अनफिट पाए गए थे। उन्हें दोबारा मेडिकल जांच कराने का मौका देकर सेना के अस्पताल में बुलाया गया था। इनमें ग्राम दोंडिया पोस्ट नगला थाना बलदेव जिला मथुरा (उप्र) निवासी देव पुत्र जगदीश जाट (19) भी शामिल था। देव ने बायोमैट्रिक मशीन एवं अस्पताल की सील अपने हाथ पर लगवा ली थी और नेत्र विभाग के समक्ष पेश होने के लिए कतार में बैठ गया था। कुछ देर बाद देव ने अपने स्थान पर अपने दोस्त को बिठा दिया और खुद गायब हो गया था। सेना के अधिकारियों ने देव के दोस्त को पूछताछ के बाद हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया। युवक की पहचान मकान नंबर, 51 छोटी पार्टी मंगरोल गुजर आगरा रूनकत्ता (उप्र) निवासी कुमेंद्र पुत्र किशन सिंह (19) के रूप में हुई। शिकायत मिलने के पास पुलिस ने आसपास सर्चिंग शुरू की और संत हिरदाराम नगर रेलवे स्टेशन के पास से देव जाट को भी हिरासत में ले लिया गया। आरोपितों के खिलाफ धारा 419, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है।