आइएमए के इस आरोप से निजी अस्पतालों में खलबली मची, सीएमएचओ रोकेंगे कमीशनखोरी

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छद्म चिकित्सक, एंबुलेंस चालक तथा कुछ निजी अस्पतालों की साठगांठ से चिकित्सा पेशा बदनाम हो रहा है। कमीशन के चक्कर में अस्पताल संचालक मरीजों से ज्यादा रकम की वसूली कर रहे हैं। इस मिलीभगत के कारण जिले में चिकित्सा पेशा बदनाम हो रहा है। यह आरोप लगाते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जिला शाखा के पदाधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. रत्नेश कुरारिया से कार्रवाई की मांग की है। राष्ट्रीय नीम हकीम दिवस पर विक्टोरिया अस्पताल पहुंचे आइएमए अध्यक्ष डा. पवन स्थापक, डा. रूप नारायण मांडवे, डा. अविजीत विश्नोई आदि ने सीएमएचओ डा. रत्नेश कुरारिया को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि चिकित्सा पेशे को बदनाम होने से बचाया जाए। डा. कुरारिया ने आश्वासन दिया कि सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कमीशन का पैसा वसूल रहे मरीजों से : आइएमए अध्यक्ष डा. स्थापक ने बताया कि जबलपुर समेत अन्य जिलों में संचालित अस्पतालों में मरीजों से ज्यादा रकम वसूली जा रही है। दरअसल, शहर से दूर दराज के क्षेत्रों में संचालित अस्पताल व औषधालय गैर एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। जो निजी अस्पतालों में कमीशन की लालच में मरीजों को रेफर करते हैं। निजी अस्पताल प्रबंधन गैर पैथी के चिकित्सकों व एम्बुलेंस चालकों से साठगांठ कर रेफर किए गए मरीज के बदले उन्हें कमीशन देता है। हैरानी की बात यह है कि कमीशन की राशि मरीज से वसूली जाती है। मरीजों को उपचार में ज्यादा रकम खर्च करनी पड़ती है, जिससे उनकी आर्थिक हालत खराब हो रही है। डा. कुरारिया ने आश्वासन दिया कि जांच समिति का गठन कर कमीशनखोरी करने वाले चिकित्सकों व एम्बुलेंस चालकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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