आउटसोर्स कर्मियों ने अपने हक के लिए छेड़ी मुहिम

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आउटसोर्स, अस्थाई और ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले रविवार को सर्किट हाऊस में बैठक रखी गई। बैठक में सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम निर्धारित वेतनमान न मिलने, पीएफ जमा न होने तथा अपने हक के लिए आवाज उठाने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी मिलने जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

बैठक में मांग रखी गई कि आउटसोर्स में कार्यरत युवाओं के साथ हो रहे अन्याय को खत्म किया जाए। संघ के प्रदेश संयोजक वासुदेव शर्मा ने बताया कि सरकारी विभागों में कार्य कर रहे 5 लाख से अधिक आउटसोर्स, अस्थाई और ठेका कर्मचारी लंबे समय से आउटसोर्स एजेंसी और अधिकारियों की मिलीभगत से आर्थिक अन्याय झेल रहे हैं। कर्मचारियों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ कभी भी नौकरी से निकाल दिए जाने का खतरा बना रहता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग रखी कि कर्मचारियों को उनके विभागों में संविलियन किया जाए, मार्च 2020 से सितंबर 2022 तक निकाले गए सभी विभागों के आउटसोर्स, ठेका और अस्थाई कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया जाए। कर्मचारियों को २१ हजार रुपए प्रति माह न्यूनतम वेतनमान दिया जाए और पीएफ जमा किया जाए।

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