- शहर के लालबाग के युवाओं ने कुंडी भंडारे के समीप की बंजर पहाड़ी पर पौधारोपण कर हराभरा बनाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बाल गजानन मंदिर की पहाड़ी पर बरगद, नीम और पीपल के पौधे रोपे हैं ताकि ये पेड़ बनकर भरपूर आक्सीजन दे सकें, वहीं जामुन, गुलमोहर, आम, जाम (अमरूद), चीकू, बेल आदि के पौधे भी लगाए हैं। अब तक चार हजार पौधे लग चुके हैं। यहां पर प्लास्टिक की वेस्टेज बोतलों का भी उपयोग किया गया है। इनको काटकर पौधों के आसपास जमीन में गाड़ा गया है और रोजा इनमें पानी भरा जाता है ताकि टपक व मटका पद्धति से पौधों को पानी मिल सके। यह कार्य कर रहे हैं श्री बाल गजानन मंदिर समिति के युवा।शहर के लालबाग के युवाओं ने कुंडी भंडारे के समीप की बंजर पहाड़ी पर पौधारोपण कर हराभरा बनाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बाल गजानन मंदिर की पहाड़ी पर बरगद, नीम और पीपल के पौधे रोपे हैं ताकि ये पेड़ बनकर भरपूर आक्सीजन दे सकें, वहीं जामुन, गुलमोहर, आम, जाम (अमरूद), चीकू, बेल आदि के पौधे भी लगाए हैं। अब तक चार हजार पौधे लग चुके हैं। यहां पर प्लास्टिक की वेस्टेज बोतलों का भी उपयोग किया गया है। इनको काटकर पौधों के आसपास जमीन में गाड़ा गया है और रोजा इनमें पानी भरा जाता है ताकि टपक व मटका पद्धति से पौधों को पानी मिल सके। यह कार्य कर रहे हैं श्री बाल गजानन मंदिर समिति के युवा।
समिति के पिंटू सोनी, प्रमोद सोनी, उमेश तिवारी, कीर्ति जैन, संजय सपकाले, उमेश मौर्य, अश्विन महाजन, गोविंद यादव आदि युवाओं द्वारा निरंतर सेवा की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2018 से पौधारोपण की शुरुआत की गई। पूरी पहाड़ी बंजर थी। जगह-जगह कंटूर खोदे गए। वर्षाकाल में पौधे रोपे। अखिल विश्व गायत्री परिवार के वृक्ष गंगा अभियान के अंतर्गत ये पौधे लगाए हैं। गायत्री परिवार के पर्यावारण आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता मनोज तिवारी ने बताया कि पौधों की सिंचाई, सरंक्षण का कार्य श्री बाल गजानन मंदिर समिति के युवा कर रहे हैं।
वेस्ट बोतलों का उपयोग : पौधों के आसपास प्लास्टिक की वेस्ट बोतलों को आधा काटकर जमीन में गाड़ा है। इनमें रोज पानी भरकर मटका व टपक पद्धति से सींचा जा सकें।