आचार्यश्री के शिष्य बोले- मॉस्किटो किलर्स का इस्तेमाल भी हिंसा:मुनिश्री विनम्र सागर जी ने कहा- बायो मेडिकल स्टूडेंट्स के कारण फैला लंपी वायरस

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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य ने कहा कि मॉर्टिन-गुडनाइट जैसे मॉस्किटो किलर्स का इस्तेमाल अहिंसक समाज का हिस्सा नहीं है। मच्छरों को मारना भी हिंसा है। आचार्य श्री के परम शिष्य श्री विनम्र सागर जी महाराज 72 समोशरण एवं अरिहंत चक्र महामंडल विधान, भव्य वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए छतरपुर आए हैं।

जैन मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने कहा, बाजार में कई केमिकल्स मच्छर मारने के लिए उपयोग होता है। यह अहिंसक समाज में वर्जित है, यह एक हिंसा है। जो भी इसका इस्तेमाल करता है, वह गलत है। मच्छरों को मारना भी हिंसा की श्रेणी में ही आता है।

गायों में लंपी वायरस की वजह बॉयो केमिकल के स्टूडेंट
लंपी वायरस पर मुनिश्री जी ने कहा कि गायों में लंपी वायरस की वजह बायो केमिकल के स्टूडेंट्स हैं। छात्रों ने गायों पर ऐसे कैमिकल्स प्रयोग किए हैं, जिनके चलते गायों को लंपी वायरस की बीमारी हो गई। जैसे कोरोना तेजी से फैला है, वैसे ही लंपी वायरस भी गायों में खूब फैला है।

रेडी-टू-ईट पदार्थों से दिया जा रहा है घातक केमिकल
आजकल लोग गायों को रेडी-टू-ईट भोज पदार्थ खिलाते हैं। इनमें भी केमिकल्स होते हैं। इस वजह से कैमिकल्स गायों में फैल गए। देखते ही देखते 60 हजार फिर 70 हजार फिर 80 हजार से 1 लाख और इससे भी अधिक गाय लंपी की चपेट में आ गईं। लंपी के कारण 50 हजार से अधिक गायों की मौत हो गई। रेडी-टू-ईट फूड प्रोडक्ट्स और बायो मेडिकल स्टूडेंट्स का प्रयोग गोहत्याओं और लंपी का कारण है।

प्रायश्चित के लिए छतरपुर में आयोजन
मुनिश्री ने कहा कि गायों की मौत की वजह जाने अनजाने हमसे ही हुई है। पाप के लिए हम प्रायश्चित कर सकते हैं, इसी प्रायश्चित के लिए हम आयोजन कर रहे हैं। जिसमें शामिल होकर हम अपने पाप की भागीदारी को कम कर सकते हैं।

जानिए, कब होगा आयोजन
सकल दिगंबर जैन समाज छतरपुर में 72 समोशरण और अरिहंत चक्र महामंडल विधान, भव्य वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। 11 से 20 दिसंबर तक मुनि श्री विनम्र सागर महाराज के सानिध्य में अजीतनाथ जिनालय मेला ग्राउंड, जैन मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिनालय मेला ग्राउंड में जैन समाज बड़े ही उत्साह से तैयारियों में जुटा है। धार्मिक अनुष्ठान में पूरे देश से श्रद्धालु छतरपुर आएंगे।

कौन हैं आचार्य विद्यासागर जी महाराज
10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक के बेलगाम में विद्यासागर महाराज का जन्म हुआ था। पिता मल्लप्पा और मां श्रीमंती जैन ने उनका नाम विद्याधर रखा था। कक्षा 9वीं तक लौकिक शिक्षा लेने के बाद 1966 में आचार्य देशभूषण महाराज से उन्होंने ब्रह्मचर्य का व्रत लिया और 30 जून 1968 को उन्हें आचार्य ज्ञानसागर महाराज ने मुनि पद की दीक्षा दी थी।

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