आचार संहिता में जनपद ने रामपायली मेला किया निरस्त

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जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपायली स्थित श्रीराम बालाजी मंदिर तीर्थ क्षेत्र में आदिकाल से पुरातन परंपरा के चलते कार्तिक माह में पूर्णिमा पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव सम्पन करवाने आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी कुछ दिनों पहले निर्वाचन संपन्न होने के बाद भी परिणाम आने तक आचार संहिता लागू रहेगी ऐसी स्थिति में जनपद पंचायत वारासिवनी के द्वारा मेले के आयोजन को निरस्त कर दिया गया है। जबकि उक्त मंदिर का अपना पौराणिक महत्व है जहां वनवास काल के दौरान भगवान राम का आगमन हुआ था यहीं से वनवासी भगवान श्री राम रामटेक की ओर रवाना हुए थे रामपायली को रामवन पथ गमन में भी जोड़ने की बात कही जा रही है ऐसे में मेले का आयोजन अपना महत्व रखता है। जहाँ शासन ने मेले को निरस्त करने पर मेले के आयोजन की जिम्मेदारी ग्रामीणों के माध्यम से मेला भराने की बात कही जा रही है। इसके पूर्व भी कोरोना काल के चलते प्रशासन द्वारा मेले पर रोक लगा दी गई थी उस वक्त भी रामपायली ग्रामीण के द्वारा मेले की जिम्मेदारियों को उठाया गया था इसी तरह इस वर्ष भी ग्रामीण द्वारा मेले का आयोजन किया जा रहा है। जहाँ 27 नवंबर 2023 को श्री राम बालाजी मंदिर रामपायली में भव्य तरीके से टीपूर कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है।

मंदिर में साज सज्जा का कार्य पूर्ण

रामपली स्थित श्री राम बालाजी मंदिर में 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर्व के अवसर पर भव्य टीपू महोत्सव की तैयारी अपने अंतिम चरण में है जो पूर्ण हो गई है इस दौरान मंदिर को बड़े ही आकर्षक ढंग से लाइटिंग सहित फूलों की मालाओं से सजाया गया है। पूरे परिसर की साफ सफाई करवाई गई है जहां पर हर्षोल्लाह उसके साथ सोमवार को प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत टीपुर जलाकर मेले का आगाज किया जाएगा। वहीं रात्रि में भव्य आतिशबाजी कर मंदिर में उत्सव मनाया जाएगा इस टीपुर महोत्सव में क्षेत्र के लोगों से आधिकारिक संख्या में उपस्थित होगा भगवान श्री राम बालाजी का आशीर्वाद ग्रहण कर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील ग्रामीणों के द्वारा की गई है।

दूर-दूर से आते हैं भक्ति गण

यहां यह बताना लाजिमी है कि श्री राम बालाजी मंदिर मध्य प्रदेश के महाकौशल ही नहीं जिले से लगे छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विभिन्न संभागों में भी काफी प्रसिद्ध है। जहां पर बड़ी संख्या में भगवान बालाजी के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त आते हैं जो भगवान श्री राम बालाजी के दर्शन कर मंदिर के समीप नदी में स्नान कर भगवान का आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। वही अनेको भक्त मनोकामना पूर्ण होने पर कढ़ाई लेकर आते हैं जनकी मंदिर पर अटूट आस्था है।

मंदिर में दिव्या प्रतिमाएं है विराजित

गैरतलब है कि उक्त मंदिर में प्रत्येक प्रतिमा स्वयं में दिव्या बताई जाती है। जहां पर विराजित भगवान श्री राम की प्रतिमा नदी से प्राप्त हुई थी जो ओरछा के बाद भगवान राम की दूसरी दिव्या प्रतिमा है। वही लंगड़े हनुमान जो स्वयं जमीन से निकले हैं जिनका एक पैर पाताल लोक में बताया जाता है तो वही रेत से शिवलिंग बना हुआ है जिसका आकार सदैव बढ़ता जा रहा है। सूर्य की सबसे पहली किरण शिवलिंग से होते हुए भगवान श्री राम के दरबार तक जाती है यह मंदिर भव्य किले की आकृति में बना हुआ है।

मेला निरस्त करने सीईओ ने पत्र किया जारी

कार्यालय जनपद पंचायत वारासिवनी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वार 24 नवंबर को पत्र जारी किया गया कि सर्व जनपद पंचायत वारासिवनी क्षेत्र-वासियों का सूचित किया जाता है कि विधानसभा निर्वाचन 2023 की आदर्श आचार संहिता वर्तमान में प्रभावी होने के कारण रामपायली मेला ग्राम पंचायत रामपायली वर्ष 2023-2024 का आयोजन निरस्त किया जाता है।

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