आदिवासियों के वोट बैंक पर कांग्रेस और भाजपा की नजर

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गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए इसी माह के अंत तक चुनाव की घोषणा हो सकती है। चुनाव के पहले कांग्रेस और भाजपा आदिवासी वोटों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। गुजरात में कांग्रेस और भारतीय ट्राईबल पार्टी (बीटीपी) से एक बार फिर कांग्रेस गठबंधन कर सकती है। कांग्रेस इसके लिए प्रयासरत है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार बीटीपी के संपर्क में बने हुए हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी आदिवासी सीटों पर बड़ी शिद्दत के साथ फोकस कर रही है।
गुजरात में 27 सीटें आदिवासी बाहुल्य हैं। इसके अलावा करीब 45 सीटों पर आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी मात्रा में रहते हैं। विधानसभा चुनाव के लिए आदिवासी मतदाताओं का महत्व बढ़ जाता है।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं। आदिवासी वोटों को लुभाने के लिए भाजपा, कांग्रेस और बीटीपी तीनों आदिवासी मतदाताओं के संपर्क में बनी हुए हैं। गुजरात विधानसभा के चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी से जिस पार्टी का समझौता होगा। उसको विधानसभा चुनाव में अन्य सीटों पर भी लाभ होगा। गुजरात में अभी तक जो संभावना दिख रही है उसके अनुसार कांग्रेस और बीटीपी के बीच में समझौता हो सकता है। सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार दोनों पार्टी के बीच चर्चाएं हो रही हैं। भारतीय जनता पार्टी भी बीटीपी और आदिवासी समाज के नेताओं के साथ संपर्क में बनी हुई है। बीटीपी का कांग्रेस से समझौता होने पर भाजपा, वीटीपी में विद्रोह कराकर, बीटीपी के कुछ नेताओं को भाजपा अपना समर्थन देकर खड़ा कर सकती है। आदिवासी वोटों को बांटने की रणनीति भी भाजपा तैयार कर रही है।

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