आदेश के बाद भी स्कूल भवन नही हुआ डिस्मेंटल

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सरकार के द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए बजट में भारी भरकम इजाफा किया जाता है परन्तु लालबर्रा विकासखण्ड के कुछ शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह का एक मामला नगर मुख्यालय से लगभग ८ किमी. दूर ग्राम पंचायत चिचगांव स्थित शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला के भवन का प्रकाश में आया है। यह भवन पुरी तरह से जर्जर हो चुका है जिसके आये-दिन छत से प्लास्टर गिर रहे है एवं दीवारों में दरारे आ गई है और भवन की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि कई बार प्लास्टर गिरने से छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण दुर्घटना का शिकार होने से बचते रहते है एवं पूर्व में दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है। जिसको देखते हुए प्रशासन के द्वारा जर्जर हो चुके भवन को डिस्मेेंटल करने के आदेश जारी कर दिया गया है परन्तु स्कूल प्रबंधन के पास वैकल्पिक व्यवस्था नही होने के कारण मजबूरी में कक्षाएं संचालित की जा रही है और छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर शिक्षा अध्ययन कर रहे है। साथ ही स्कूल प्रबंधन के द्वारा कई बार उच्चाधिकारियों को भवन जीर्णशीर्ण होने एवं नवीन भवन का निर्माण करवाने की मांग कर चुके है परन्तु वर्तमान समय तक माध्यमिक स्कूल का भवन स्वीकृत नही होने के कारण इस भवन के डिस्मेंटल आदेश के बाद भी जर्जर भवन में १ से ८ तक की कक्षाएं संचालित की जा रही है। जिससे छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षकगणों को भी खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नवीन सत्र के पूर्व शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल का नवीन भवन का निर्माण कार्य नही करवाया गया तो शिक्षा अध्यापन कार्य करवाने में स्कूल प्रबंधन को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा एवं छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित होगी। छात्र-छात्राएं, उनके अभिभावक एवं शिक्षकगणों ने जर्जर हो चुके भवन को तोडक़र एकीकृत शास. माध्यमिक स्कूल का नवीन भवन बनाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

जर्जर भवन में संचालित हो रही कक्षाएं

आपकों बता दें कि शासन के द्वारा विगत वर्ष पूर्व लाखों रूपयों की लागत से शासकीय माध्यमिक स्कूल चिचगांव के भवन का निर्माण किया गया था परन्तु वर्तमान समय में स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है और हर कमरों की छत का प्लास्टर निकलने लगा है जिसको देखते हुए प्रशासन के द्वारा उक्त भवन को डिस्मेेंटल करने के आदेश दे दिये गये है। वहीं शासन के द्वारा शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल में प्राथमिक स्कूल के लिए अतिरिक्त कक्ष की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसका निर्माण कार्य किया जा रहा है परन्तु वर्तमान में कक्षा १ से ८ तक की कक्षा ५ कमरों में संचालित की जा रही है, जिसमें एक कक्षा बरामदे में लग रही है। वहीं बरसात के दिनों में जर्जर भवन से पानी टपकता था ऐसी स्थिति में पंचायत के द्वारा पॉलीथिन डालकर अध्यापन कार्य संपन्न करवाया गया परन्तु तेज बारिश होने पर छात्र-छात्राओं को टपकती छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करना पड़ा था और वर्तमान में भी जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ाई करने मजबूर रहे। वहीं भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए छात्र-छात्राएं व अभिभावक भी दहशत में है एवं कई बार स्कूल प्रबंधन के द्वारा भी शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भवन खराब होने की जानकारी दे चुके है। उसके बाद एक अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत हुआ है जिसमें तीन कमरों का निर्माण होना है जिसका कार्य जारी है। जबकि एक साथ शासकीय एकीकृत माध्यमिक स्कूल के लिए नवीन भवन का निर्माण होना चाहिए तभी समस्या का समाधान हो सकता है क्योंकि यह एकीकृत माध्यमिक स्कूल बन चुका है और एक साथ ८ कक्षाएं संचालित होना है। साथ ही भवन की स्थिति को देखते हुए प्रशासन के द्वारा डिस्मेेंटल करने के निर्देश दे दिये है परन्तु स्कूल प्रबंधन के पास कोई दुसरी वैकल्पिक व्यवस्था नही होने के कारण वर्तमान में जर्जर भवन में ही कक्षाएं संचालित की जा रही है जिसमें हर समय दुर्घटना घटित होने का भय बना हुआ है।

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