आयुष्मान कार्ड: परेशानी या सुविधा?

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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा और उपचार देने के लिए शुरू की गई आयुष्मान कार्ड योजना इन दिनों सुविधा से ज्यादा परेशानी का कारण बन रही है। सुविधा, उनके लिए जिन्हें आयुष्मान कार्ड का लाभ मिला है और परेशानी उन हितग्राहियों के लिए जिनके पास आयुष्मान कार्ड तो है, लेकिन अस्पताल में इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसके पीछे वजह है- आयुष्मान कार्ड का आधार कार्ड से लिंक न होना। बीतों दिनों आयुष्मान भारत निरामयम् मप्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने प्रदेश के सभी जिलों को आदेश जारी कर हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने के लिए कहा था। इसमें बालाघाट जिले में 3547 हितग्राही ऐसे हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड अब भी नॉन केवायसी यानी आधार से लिंक नहीं हैं। ऐसे हितग्राहियों की पहचान करने में विभाग को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

आपको बता दें कि 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत निरामयम् योजना की शुरुआत की गई थी। शुरू में हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड सरकारी अस्पतालों और सीएससी सेंटरों में बनाए जाते थे, लेकिन अब अस्पतालों, सीएससी सेंटरों के अलावा नगर पालिका सहित अन्य स्थानों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिससे ऐसे हितग्राहियों की पहचान करने में मुश्किल हो रही है, जिनके आधार कार्ड आयुष्मान कार्ड से लिंक है या नहीं। इस संबंध में आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक कृष्णा चौधरी ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान बताया कि ऐसे हितग्राहियों की पहचान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन नॉन केवायसी वाले हितग्राहियों के नाम और पते का रिकॉर्ड विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। हालांकि, जब हितग्राही आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने अस्पताल जाएंगे तो पोर्टल पर एंट्री करते हुए स्पष्ट हो जाएगा कि उनका आधार कार्ड से लिंक है या नहीं। अगर लिंक नहीं होगा तो तत्काल केवायसी की प्रक्रिया करके हितग्राही को योजना अंतर्गत उपचार में लाभ दिया जाएगा। लेकिन इस योजना से जुड़े ऐसे कई हितग्राही हैं, जिन्हें मुसीबत के समय योजना का लाभ नहीं मिला। मजबूरी में उन्हें इलाज में हुआ खर्च अपने जेब से भरना पड़ा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बालाघाट जिले को 13 लाख 22 हजार 342 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। सितंबर 2018 से 28 दिसंबर 2022 तक जिले में 10 लाख 20 हजार 451 हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जिला समन्वयक कृष्णा चौधरी ने बताया कि इस साल सितंबर माह में आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में बालाघाट का प्रदेशस्तर पर 48वां स्थान, जो दिसंबर माह में 15वें स्थान पर है। 15 जनवरी 2023 तक लक्ष्य हासिल करने के साथ नॉन केवायसी आयुष्मान कार्ड हितग्राहियों की पहचान कर उनके कार्ड आधार से लिंक कराने का प्रयास किया जाएगा।

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