यूरोप में युवाओं द्वारा इंटरनेट पर आपत्तिजनक और आपराधिक व्यवहार को सामान्य माने जाने का खतरा मंडरा रहा है। यूरोपीय यूनियन के सपोर्ट से हुई एक रिसर्च में पाया गया कि 16 से 19 साल के हर चार लोगों में से एक ने किसी न किसी को ऑनलाइन ट्रोल किया है। साथ ही तीन में से एक डिजिटल पायरेसी का हिस्सा रहे हैं।
5 में से 1 व्यक्ति सेक्सटिंग में लिप्त
रिसर्च में पाया गया कि ब्रिटेन समेत यूरोप के नौ देशों के 16 से 19 साल के युवाओं में इस तरह का आपराधिक और जोखिम भरा व्यवहार बढ़ गया है। यह सर्वे 8 हजार युवाओं पर किया गया था। इसमें सामने आया कि आठ में से एक ने ऑनलाइन किसी का उत्पीड़न किया है, वहीं 10 में से एक किसी तरह की हेट स्पीच या हैकिंग का हिस्सा रहे। पांच में से एक सेक्सटिंग में लिप्त रहे।
यूरोप में युवाओं के लिए साइबर क्राइम सामान्य
रिसर्चर्स ने यह भी पाया कि 10 में से चार युवाओं ने इंटरनेट का इस्तेमाल पॉर्न देखने के लिए किया है। रिसर्च की सह-लेखक प्रोफेसर जूलिया डेविडसन ने कहा कि यूरोप में बहुत से युवा किसी न किसी रूप में साइबर क्राइम में इतने लिप्त हैं कि ऑनलाइन निम्न स्तर के क्राइम और इंटरनेट पर आपत्तिजनक व्यवहार सामान्य हो गया है।
ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, इटली, जर्मनी, नीदरलैंड्स, स्वीडन, नॉर्वे और रोमानिया के युवाओं पर यह सर्वे किया गया था। साइबर-डेविएंस के मामले में स्पेन पहले, रोमानिया दूसरे, नीदरलैंड्स तीसरे और 72% के साथ जर्मनी चौथे स्थान पर है। ऑनलाइन आपराधिक या जोखिम भरा व्यवहार करने को ही साइबर-डेविएंस कहा जाता है।
65% महिलाएं साइबर क्राइम में लिप्त पाई गईं
प्रोफेसर डेविडसन ने कहा कि सर्वे में भाग लेने वाले 75% पुरुषों ने माना कि उन्होंने किसी न किसी तरह के साइबर क्राइम को अंजाम दिया है। जबकि 65% महिलाएं भी साइबर क्राइम में लिप्त रही हैं। इसे खतरे की घंटी के तौर पर देखा जाना चाहिए। युवाओं का इस तरह का व्यवहार आमजन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।