इंदौर में उगते सूरज से कहा हरो रोग-शोक, जीवन मे भर दो उजियारा

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लोक -आस्था के चार दिनी पर्व छठ का समापन गुरुवार को हुआ। सर्द सुबह व्रतधारियों ने स्वास्थ्य की कामना से अर्घ्य दिया। सूर्यदेव से रोग शोक हरकर जीवन मे उजियारा भरने की प्रार्थना की। सर्द फिजां में कमर तक भरे कुंड में भगवान सूर्यनारायण को सुपड़ी में मौसमी फल, कंद, मूल और ठेकुआ का भोग लगाया। छठ स्थलों पर व्रतधारियों के जुटने का सिलसिला सुबह चार बजे शुरू हो गया था।

सोनिया झा के मुताबिक सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। सूर्योदय से पहले ही व्रती लोग घाट पर उगते सूर्यदेव की पूजा हेतु पहुंच गए थे। छठ की शाम की तरह उनके स्वजन भी साथ थे। संध्या अर्घ्य में अर्पित पकवानों को नए पकवानों से बदल दिया गया था लेकिन कन्द, मूल, फलादि वही थे। सभी नियम-विधान सांध्य अर्घ्य की तरह किए गए ।

घाट पूजन कर घर आकर किया पीपल का पूजनपूजा-अर्चना समाप्त होने के पश्चात घाट का पूजन किया गया। वहां उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरण करके व्रतधारी घर आए और घर पर भी अपने परिवार में प्रसाद वितरण किया। व्रतधारियों ने घर वापस आकर पीपल के पेड़ की पूजा की। इसके बाद कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण किया। खरना के दिन से इस दिन तक निर्जला उपवास करने के बाद फिर नमक युक्त भोजन ग्रहण किया।

यहां बने छठ घाटों पर लगा व्रतियों का मेलासप्तमी के दिन उगते सूर्यदेव की उपासना विजय नगर, स्कीम नंबर-78, बाणगंगा, निपानिया, सुंदर नगर में बड़ी संख्या में घाट पर पहुचकर व्रतियों ने की। पीपल्याहाना, सिलिकान सिटी, एरोड्रम रोड, तुलसी नगर, श्याम नगर आदि में सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कृत्रिम जलकुंड भी पर भी व्रतियों का मेला लगा।

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