थोक किराना बाजार सियागंज को अगले आदेश तक प्रशासन ने बंद करवा दिया है। एसडीएम पवन जैन और प्रशासन की टीम सोमवार को बाजार में पहुंची। कई दुकानों के सामने भीड़ दिखी तो दुकानें सील कीं। दोपहर 12 बजे तक दुकानें खुली रखी जाना थी। जिन दुकानों के बाहर भीड़ थी, उन्हें कर दिया गया। इसके बाद पूरा बाजार भी साढ़े दस बजते-बजते बंद करवा दिया गया। प्रशासन के अगले आदेश तक अब दकानें नहीं खोली जा सकेंगी।
शनिवार और रविवार को दो दिन सियागंज में सभी दुकानें बंद रहीं। दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को जब दुकानें खुलीं तो खरीदारों की भीड़ जुट गई। शनिवार को प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक में व्यापारियों को निर्देश दिया था कि दुकान के अंदर स्टाफ के तीन ही लोग रह सकेंगे। बाहर सामान नहीं रखा जाएगा। इसके अलावा दुपहिया पर आने वाले ग्राहकों को सामान दुकान से नहीं दिया जाएगा। सिर्फ उनके आर्डर फोन पर बुक कर उन्हें बाद में होम डिलीवरी दे दी जाए। व्यापारियों ने नियम का पालन करने पर हामी भरी। हालांकि सोमवार को भीड़ के बीच नियम टूट गए। नतीजा रहा कि पूरा बाजार बंद करवा दिया गया। समय से पहले दुकानें बंद करवाने और सील करवाने से कारोबारियों में असंतोष भी फैल गया है।
बीते दिनों का बंद बना वजह
सियागंज में व्यापारियों के एक समूह में प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ असंतोष भी फैल गया है। सोमवार को जुटी भीड़ को कारोबारी बीते दिनों के मनमाने आदेश और नाकाम प्रबंधन से जोड़ रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार पहले तो सप्ताह में तीन दिन दुकानें खोलने का आदेश जारी कर दिया। दुकानों का समय भी सुबह सिर्फ छह घंटे का था। इस दौरान भी 12 बजने से पहले दुकानें बंद करवा दी जाती थी। शनिवार-रविवार को दुकानें पूरी तरह बंद रखी गई। ऐसे में लोगों में घबराहट फैलने लगी कि बाजार कभी-भी पूरी तरह बंद हो सकता है। बीत सप्ताह के लगातार बंद की वजह से खरीदारों को मौका नहीं मिला। सोमवार को जब दुकानें खुली तो एक साथ भीड़ जुट गई। जबकि पिछले सप्ताह सामान्य तरीके से दुकानें खुली रखी जाती तो न तो ग्राहकों में घबराहट फैलती और न ही भीड़ जुटने की नौबत आती। अब बाजार को बंद करवाकर फिर से घबराहट ही फैलाई जा रही है। इधर सियागंज के व्यापारी एसोसिएशन ने प्रशासन की कार्रवाई में किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल का कहना है कि सिर्फ 600 थोक दुकानें है। जबकि शहर में 20 हजार खेरची दुकानें हैं। दुकानदारों के साथ कई खेरची खरीदार भी बाजार में आ गए। इसलिए एक साथ भीड़ जुटी। संक्रमण को रोकना अभी पहली आवश्यकता है इसलिए सभी को ध्यान तो रखना ही होगा।