कांग्रेस शासनकाल में निरस्त की गई इंदौर विकास प्राधिकरण यानि आइडीए की स्कीमों को नए नाम से फिर से लागू कर दिया है। आइडीए ने शहर की सात स्कीमों के प्रस्ताव सरकार को भेजे थे। उनमें से पांच स्कीमों के लिए सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसके बाद आइडीए ने नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-50 की उपधारा-2 के तहत अधिसूचना जारी कर दी है और स्कीमों में शामिल खसरों का ब्यौरा भी दिया है।
अब स्कीमों को लेकर दावे आपत्तिया आमंत्रित की जाएगी। इन स्कीमों में जिन लोगों की भूमि शामिल है। उन्हें नए प्रावधान के तहत 50 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिए जाएंगे। कनाड़िया क्षेत्र की टीपीएस-4 में 100 से ज्यादा लोगों की भूमि शामिल है,जबकि शासकीय भूमि को भी स्कीम में शामिल किया गया है। फिलहाल राऊ क्षेत्र की टीपीएस-2 को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। आइडीए सीइओ विवेक श्रोत्रिय ने कहा कि हमने अधिसूचना जारी कर दी है।
इन योजनाओं को मंजूरी
-टीपीएस एक में खजराना क्षेत्र की 48 हेक्टेयर जमीन शामिल है। इसमें शासकीय भूमि का भी बड़ा हिस्सा है।
-टीपीएस-तीन में अरंडिया, तलावली चांदा, मायाखेड़ी ग्रामीण क्षेत्र शामिल है।
– टीपीएस-चार में निपानिया, कनाड़िया गांव की जमीन शामिल है।
-टीपीएस पांच में भी कनाड़िया क्षेत्र की कुछ जमीनें शामिल है।
-टीपीएस-आठ में भौरासला, शकरखेड़ी, कुर्मेडी भांगिया सहित आसपास की जमीनों को लिया गया है।