आजादी के 75 साल में से 58 साल 1 ट्रिलियन डॉलर की GDP के लिए लगे। 12 साल में 2 ट्रिलियन और सिर्फ 5 और सालों में 3 ट्रिलियन। लेकिन अब हम जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, अगले दशक में हर 12 से 18 महीनों में हम GDP में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ेंगे। 2050 तक भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अडाणी ग्रुप के मालिक गौतम अडाणी ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही। और क्या कहा अडाणी ने आइए जानते हैं…
मैं-पीएम मोदी एक राज्य से इसलिए सवाल उठाना आसान
गोतम अडाणी ने कहा, पीएम और मैं एक ही प्रदेश से आते हैं, इसलिए आरोप लगाना आसान हो जाता है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे खिलाफ ऐसा बोला जाता है। हमारी सफलता किसी एक की वजह से नहीं पर 3 दशकों में कई सरकारों की नीति बदलाव की वजह से है।
अडाणी ने अपने कारोबारी सफर को 4 भागों में बांटा:
1. राजीव गांधी जब पीएम थे तब मेरा सफर शुरू हुआ। उन्होंने एग्जिम पॉलिसी को बढ़ावा दिया तो मेरा एक्सपोर्ट हाउस शुरू हुआ। अगर वो न होते तो मेरी शुरुआत ऐसी न होती।
2. 1991 में आया जब नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार शुरू किए। मेरे साथ बहुत लोगों को इसका फायदा हुआ।
3. 1995 में जब केशुभाई पटेल गुजरात के सीएम बने तब तक सिर्फ मुंबई से दिल्ली का NH-8 ही डेवलप हुआ था। पॉलिसी के बदलाव से मुंद्रा पर पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला।
4. 2001 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने तो उनकी नीतियों से उद्योग और रोजगार बढ़ा। आज पीएम मोदी वही चीज राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहे हैं।
विरोध लोकतंत्र का ही हिस्सा, मैं हमेशा सही नहीं
ऑस्ट्रेलिया के साथ कुछ राज्यों में कारोबार के विरोध पर अडाणी ने कहा, ‘विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है। मैं ये मानता हूं कि हमारे देश के लोकतंत्र ने हम सबको आर्थिक आजादी और अवसर दिए हैं। मैं आलोचना को गलत नहीं मानता। हमेशा सामने वाले का पक्ष समझने की कोशिश करता हूं। ये भी मानता हूं कि मैं हमेशा सही नहीं हूं। हर आलोचना में सुधार का मौका ढूंढता हूं।’
मैनेजमेंट और एडिटोरियल के बीच लक्ष्मण रेखा
NDTV के अधिग्रहण पर अडाणी ने कहा, ‘NDTV एक विश्वसनीय, स्वतंत्र, वैश्विक नेटवर्क होगा, जिसमें मैनेजमेंट और एडिटोरियल के बीच एक स्पष्ट लक्ष्मण रेखा होगी। आप अंतहीन बहस कर सकते हैं और मैं जो कह रहा हूं उसके एक-एक शब्द की व्याख्या कर सकता हूं, जैसा कि बहुत से लोगों ने किया है। हमें जज करने से पहले थोड़ा समय दें।’